पार्टी जो भी जिम्‍मेदारी सौंपेगी, उसे पूरी तरह निभाऊंगा: राहुल गांधी

पार्टी जो भी जिम्‍मेदारी सौंपेगी, उसे पूरी तरह निभाऊंगा: राहुल गांधी

पार्टी जो भी जिम्‍मेदारी सौंपेगी, उसे पूरी तरह निभाऊंगा: राहुल गांधीज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की ओर प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार को लेकर कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पार्टी उन्‍हें जो भी जिम्‍मेदारी देगी, उसे निभाने के लिए तैयार हूं। साथ ही उन्‍होंने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि बहन प्रियंका गांधी की चुनावी भूमिका नहीं होगी। कांग्रेस समिति की शुक्रवार को होने वाली बैठक से पूर्व राहुल आज बड़ी जिम्मेदारी संभालने को तैयार दिखे। इस बैठक में उन्हें कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की संभावना है।

एक अखबार को दिए इंटरव्‍यू में राहुल ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक संगठन हैं। हमें लोकतंत्र में विश्वास है। देश की जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा यह तय करेगी कि कौन प्रधानमंत्री होगा। देशहित में कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है और इसके लिए संगठन जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे मैं पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने कहा कि कांग्रेस आगे भी देश का स्‍वरूप बदलेगी।
कांग्रेस ने हमेशा देश के लोगों को जोड़कर रखा है। देश हित में कांग्रेस का सत्‍ता में आना जरूरी है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सहयोगी हमसे दूर जा रहे हैं, यह बात सही नहीं है। बीजेपी के कांग्रेस मुक्त भारत और नरेंद्र मोदी के सवाल पर राहुल ने कहा कि बीजेपी एक व्‍यक्ति आधारित सत्‍ता चाहती है। बीजेपी एक व्यक्ति आधारित राजनीति कर रही है, जो देश हित में नहीं है। सत्ता किसी एक व्यक्ति की सोच और उसके अपने तरीके से नहीं चलनी चाहिए। सबको साथ लेकर देश के 120 करोड़ लोगों का भविष्य संवारा जा सकता है। कांग्रेस ने देश में लोगों को जोड़कर रखा है।

अगले लोकसभा चुनाव में यूपीए और कांग्रेस की संभावनाओं पर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हमने पिछले 10 वर्षो में काफी अच्छे काम किए हैं। 2004 और 2009 में हमें कम करके आंका गया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस चुनाव में भी हम अच्छा करेंगे। राहुल ने यह भी कहा कि हमारा (कांग्रेस) और आम आदमी पार्टी का रवैया अलग अलग है। हमारी कुछ नीतियों पर आप ने अमल किया है। जबकि बीते दस साल में हमने काफी अच्‍छे काम किए हैं।

राहुल गांधी ने एक हिंदी दैनिक को दिए साक्षात्कार में कहा कि मैं कांग्रेस का सिपाही हूं। मुझे जो भी आदेश दिया जाएगा, मैं उसका पालन करूंगा। कांग्रेस जो भी कहेगी, मैं करने को तैयार हूं। हमारी पार्टी में फैसले वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी कुछ फैसले लिए गए। सत्ता जहर है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जिम्मेदारी संभालने का इच्छुक नहीं हूं। मेरी जिंदगी में हठधर्मिता का कोई शब्द नहीं है। कांग्रेस ने जो भी मुझसे चाहा, मैंने किया है।

उनसे सवाल किया गया था कि क्या वह प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं और क्या ऐसी अवधारणा है कि वह हठधर्मी हैं। पिछले वर्ष जनवरी में जयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर में राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर कि उनकी मां सोनिया गांधी ने उन्हें बताया है कि सत्ता जहर है, इससे इन अटकलों को हवा मिली थी कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष जिम्मेदारी संभालने के इच्छुक नहीं हैं। इससे विपक्ष को भी पार्टी पर हमला करने का मौका मिल गया था।

अपनी टिप्पणी की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता जहर है, यह एक अवलोकन है कि जब सत्ता आती है तो सत्ताधारी को यह पता होना चाहिए कि इसके साथ आने वाले खतरों से कैसे निपटना है। कहने का मतलब यह है, सत्ता के जहर होने का मतलब है कि सत्ता का इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए करो और किसी को इसका इस्तेमाल खुद को बड़ा या अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए नहीं करना चाहिए।

इस संबंध में सीधा सवाल किए जाने पर कि क्या वह ऐसी कोई जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे, राहुल गांधी ने कहा कि मेरे परिवार में से किसी ने भी कभी भी सत्ता के लिए काम नहीं किया। न मेरे पिता ने और न मेरी दादी ने। राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी दोनों देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा एक लोकतांत्रिक संगठन है। लोकतंत्र में हमारा विश्वास है। भारत की जनता अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से फैसला करेगी कि कौन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। देश के हितों के लिए कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है और उसके लिए संगठन ने जो भी जिम्मेदारी मुझे दी गयी है या दी जाएगी, मैं उसे पूर्ण समर्पण से निभाउंगा।

कांग्रेस मुक्त भारत’’ के नारे के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा आज एक व्यक्ति केंद्रित शासन चाहती है जो देश हित में नहीं है। देश पर शासन किसी एक व्यक्ति विशेष के विचारों और उसके तौर तरीकों से नहीं चलाया जाना चाहिए। देश के 120 करोड़ लोगों के भविष्य को सबको साथ लेकर ही आकार दिया जा सकता है और सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश के डीएनए में समायी हुई है। भाजपा, कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रही है। वह यह नहीं समझती कि कांग्रेस एकमात्र राजनीतिक ताकत है जिसने इस देश की जनता को एकजुट रखा है। उनका यह जवाब नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के संबंध में किए गए सवाल को लेकर भी था।

राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट करने का प्रयास किया कि उनकी बहन और मित्र प्रियंका गांधी की कोई चुनावी भूमिका नहीं होगी और वह, कांग्रेस की एक सक्रिय सदस्य के नाते, उनकी मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रियंका मेरी बहन और दोस्त है। इसके अलावा वह कांग्रेस की सक्रिय सदस्य है और यही कारण है कि वह मुझे और संगठन को मजबूत करने के लिए मदद कर रही है। मैं नहीं समझता कि उसकी कोई चुनावी भूमिका होगी। वह प्रियंका के लिए बड़े और सीधी राजनीतिक भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों का जवाब दे रहे थे।

राहुल गांधी ने कहा कि वर्ष 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों की तरह कांग्रेस का हमेशा खराब आकलन किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि हां, आगामी चुनाव हंगामेदार रहेगा और मुझे पूरा विश्वास है कि हम चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। पार्टी में अपनी भावी भूमिका के संबंध में किए गए सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने एक ही व्यक्ति पर इतना अधिक ध्यान केंद्रित किए जाने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि मेरा सवाल यह है कि सभी बहसें एक ही पद पर आकर क्यों रूक जाती हैं? इस पर राष्ट्रीय स्तर पर क्यों बहस होती है? क्यों एक व्यक्ति विशेष पर चर्चा की जाती है? कोई क्यों नहीं राजनीति में सुधार की बात करता है? क्यों कोई व्यवस्था को बदलने के लिए तैयार नहीं है? बहस इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि कैसे हम राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव कर सकते हैं।

राहुल गांधी ने इससे पूर्व कहा था कि उनकी पार्टी को आम आदमी पार्टी से सीखना चाहिए। हालांकि उन्होंने अरविंद केजरीवाल की पार्टी से कुछ मुद्दों पर असहमति भी जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक मजबूत और सक्रिय पार्टी है। कांग्रेस ने पहले भी देश में राजनीति के स्वरूप में बदलाव किया है और हम भविष्य में भी ऐसा करेंगे। हम इन मुद्दों को तब से ही उठा रहे हैं जब से मैं राजनीति में आया हूं। इनमें से कुछ चीजों को आप ने लागू भी किया है। लेकिन हमारा तरीका अलग है। मैं उनके कई तौर तरीकों से सहमत नहीं हूं।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हमारे फैसले लोगों के सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए होने चाहिए न कि तुच्छ हितों को ध्यान में रखकर। राहुल ने साथ ही कहा कि उन्होंने कभी यह दावा नहीं किया कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक है। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें हैं जिन्हें सुधारने की जरूरत है। मैंने ये सब चीजें पार्टी के समक्ष रखी हैं। यद्यपि उन्होंने इस बात को खारिज किया कि कांग्रेस नेता जमीनी स्तर से कट गए हैं और इसके सांसद और विधायक क्षेत्रों में नहीं जाते। उन्होंने कहा कि पार्टी को युवाओं के साथ जोड़ने की जरूरत है। हमने पिछले कुछ सालों से इस दिशा में काम किया है। हम भविष्य में भी ऐसा करेंगे।

उन्होंने इस बात से भी असहमति जताई कि सहयोगी दल कांग्रेस को छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सहयोगी हमें छोड़ रहे हैं। जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र में हमारे सहयोगी हैं। बिहार में कोई गठबंधन नहीं है लेकिन बातचीत चल रही है। लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस बिहार में राजद के साथ गठबंधन करेगी तो उन्होंने स्पष्ट बताने से इंकार किया। राजद के साथ गठबंधन के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने महज इतना कहा कि बातचीत चल रही है। ये फैसले गठबंधन समिति द्वारा किये जाते है और उनके फैसले हमें स्वीकार्य होंगे।

इंटरव्यू के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने महात्मा गांधी को भी उद्धृत किया कि जहां तक सत्ता का सवाल है मैं आपको महातमा गांधी के शब्दों की याद दिलाना चाहता हूं। उन्होंने कहा था कि जब भी आप सत्ता के बारे में सोचे तो सबसे अंतिम आदमी के बारे में सोचें। जिस क्षण हमें सतता मिलती है हम अंतिम आदमी को भूल जाते हैं। खतरा यही है। उन्होंने लोकसभा चुनावों से पहले घोषणा पत्र तैयार करने की प्रक्रिया को जनता के लिए खोलने के मकसद से कांग्रेस द्वारा हाल में की गई पहल का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर ले जाना चाहती है। हम पार्टी में, संगठन में आम आदमी को ला रहे हैं। हमने अपने घोषणा पत्र तैयार करने की प्रक्रिया को जनता के लिए खोल दिया है। पहली बार इस प्रक्रिया का अनुसरण हो रहा है। मैं चाहता हूं कि आम आदमी भी यह कह सके मैं घोषणा पत्र में यह चीज चाहता हूं। सरकार द्वारा बनाये गये शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार, सूचना का अधिकार जैसे कानूनों का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संप्रग को इतिहास में एक ऐसी सरकार के रूप में याद किया जायेगा जिसने लोगों को बहुत से अधिकार दिए और मनरेगा तथा भूमि सुधार जैसे ऐतिहासिक फैसले किए।

उन्होंने कहा कि हमने विनिर्माण के लिए विशाला ढांचा निर्मित किया है ताकि लोगों को रोजगार मिल सके, हम देश को इस तरह से बदलना चाहते हैं कि सभी वर्गों को फायदा हो।

First Published: Tuesday, January 14, 2014, 11:29

comments powered by Disqus