Last Updated: Saturday, December 14, 2013, 20:39
नई दिल्ली : लोकपाल विधेयक को पारित कराने के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा ने आज कहा कि वह इसे संसद से मंजूरी दिलाने के लिए सदैव तैयार है और आरोप लगाया कि ये कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हैं जो इसमें बाधा डाल रहे हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली ने आरोप लगाया कि लोकपाल विधेयक पर कांग्रेस बार-बार रूख बदल रही है और वह इसे पारित कराने को लेकर गंभीर नहीं है।
जेटली ने यहां कहा, लगता है सरकार ने लोकपाल विधेयक पर अपने मन को फिर बदल लिया है विधेयक को कल ही राज्यसभा में पारित हो जाना चाहिए था। हम अपना रूख दोहराते हैं कि इसे सोमवार को चर्चा करके पारित कर देना चाहिए। अगर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल सदन की कार्यवाही नहीं चलने देते हैं तो हम इसे बिना चर्चा के भी पारित कराने को तैयार हैं। मुख्य विपक्षी दल ने लोकपाल विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों पर जोर देते हुए कहा कि वे अपने आप में उपयुक्त हैं और उच्च सदन को बिना खास चर्चा के विधेयक के नए मसौदा को पारित कर देना चाहिए।
जेटली ने कहा, अगर सदन में व्यवस्था नहीं बनती है, मैं शोर-शराबे के बीच भी अपना भाषण देने को तैयार हूं। पार्टी ने मांग की है कि इस विधेयक को जितना जल्दी हो संसद के दोनों सदनों को पारित कर देना चाहिए। जेटली ने हालांकि कहा कि भाजपा चाहती है कि प्रवर समिति की सर्वसम्मत सिफारिशों को विधेयक के नए मसौदे में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवर समिति की सर्वसम्मत सिफारिशों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, लोकपाल द्वारा भेजे गए मामलों की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी को जांच के जारी रहते स्थानांतरित करने का सरकार को अधिकार नहीं हो सकता है। दूसरे, भ्रष्टाचार या ज्ञात आय से अधिक की संपत्ति रखने के मामले में जांच का सामना कर रहे अधिकारी को तलाशी और जब्ती कार्रवाई से पहले या बाद में अपना पक्ष रखने का मौका देने के बारे में लोकपाल को ही फैसला करना होगा।
सरकार पर भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि प्रवर समिति एक साल पहले ही विधेयक पर अपनी रिपोर्ट दे चुकी थी लेकिन कांग्रेस ने विधेयक को पारित कराने में रूचि नहीं दिखाई। जेटली ने कहा कि भाजपा लोकसभा द्वारा पारित लोकपाल के प्रारूप से कभी भी सहमत नहीं थी क्योंकि उसे सरकार ने काफी हल्का बना दिया था। ऐसे में राज्यसभा द्वारा उसी प्रारूप को पारित कराने का सवाल ही नहीं उठता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब भाजपा ने संशोधनों के साथ इस विधेयक को राज्यसभा से पारित कराने का प्रयास किया तो सरकार ने उसमें बाधा डाल दी। इसके बाद प्रवर समिति का गठन हुआ लेकिन समिति द्वारा संशोधनों का सुझाव दिए साल भर हो गया है और सरकार किन्हीं कारणों से उन संशोधनों के साथ विधेयक को लेकर नहीं आई।
राहुल गांधी ने लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर आज विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा है, हमारा काम इस देश को एक मजबूत लोकपाल विधेयक देना है। हम 99 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं और अब हमें राजनीतिक दलों से बाकी एक प्रतिशत की जरूरत है तब हम लोकपाल का काम पूरा कर लेंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 14, 2013, 20:39