Last Updated: Wednesday, October 9, 2013, 22:17
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि कोई व्यक्ति जो मतदाता सूची में दर्ज है, लेकिन जेल अथवा पुलिस हिरासत में बंद है, वोट दे सकता है और चुनाव लड़ सकता है। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में 11 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह स्पष्टीकरण भेजा है।
इससे पूर्व जनप्रतिनिधित्व (संशोधन और वैधता) कानून, 2013 को संसद के मानूसन सत्र में पारित किया गया, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। इस कानून में उच्चतम न्यायालय के 10 जुलाई के आदेश को निष्प्रभावी किया गया था कि जेल की सलाखों के पीछे मौजूद कोई व्यक्ति मतदाता नहीं रह जाता इसलिए वह न तो वोट डाल सकता है और न ही चुनाव लड़ सकता है।
एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस सुधार के द्वारा तन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 62 की उपधारा (5) में एक और प्रावधान जोड़ा गया है कि यदि कोई व्यक्ति, जो मतदाता सूची में दर्ज है किसी जेल अथवा पुलिस की कानूनी हिरासत में है, तो वह मतदाता बना रहेगा, भले ही संबद्ध उप धारा के तहत उसके मतदान पर रोक हो। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 9, 2013, 22:17