Last Updated: Monday, October 21, 2013, 17:46

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को आध्यात्मिक गुरु आसाराम की याचिका पर आदेश देने से इनकार कर दिया। आसाराम ने याचिका में अपने ऊपर लगे एक किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोप पर मीडिया को अटकलबाजी वाली खबरें प्रकाशित करने से रोकने की मांग की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने हालांकि न्यायिक प्रक्रिया के अधीन मामलों की मीडिया रिपोर्टिग के लिए 2012 में दिए गए अपने दिशा-निर्देशों को दोहराया।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि अभी हम इस पर कुछ भी नहीं कहेंगे, लेकिन मीडिया दिशा निर्देशों को जरूर दोहराएंगे। हमें उम्मीद है कि मीडिया उन दिशा निर्देशों का पालन करेगा। अगर आप इसके बाद भी असंतुष्ट महसूस करें तो सर्वोच्च न्यायालय आ सकते हैं।
इस पर वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने न्यायालय को बताया कि न्यायालय के दिशा-निर्देशों के बावजूद, मीडिया ने इसके प्रति किसी तरह की सतर्कता नहीं बरती है।
आसाराम की तरफ से न्यायालय के समक्ष पेश हुए विकास सिंह ने कहा कि उन्हें (आसाराम) मीडिया द्वारा सही रिपोर्ट प्रकाशित करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन तोड़-मरोड़कर पेश की जाने वाली रपटों पर असंतोष उत्पन्न होता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 21, 2013, 13:21