Last Updated: Sunday, January 26, 2014, 15:54

नई दिल्ली : देश के 65वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे इस मौके की शोभा बढ़ाने वाले पहले जापानी प्रधानमंत्री हैं। अबे राजधानी में भव्य राजपथ पर आयोजित परेड समारोह में शामिल हुए जिसमें 1.2 अरब की आबादी वाले देश के सामाजिक, सांस्कृतिक पहलुओं और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन हुआ। जापानी प्रधानमंत्री तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर कल यहां पहुंचे थे। वह अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह से पहले ही व्यापक बातचीत कर चुके हैं जिसमें दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा, रक्षा और आर्थिक सहयोग मजबूत करने का फैसला किया।
बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को महत्व देते हुए भारत ने जापान को इस साल के अंत में होने वाले भारत-अमेरिका नौसैन्य अ5यास का हिस्सा बनने को भी आमंत्रित किया है । इसके अलावा जापान से यूएस-2 एंफीबियन एयरक्राफ्ट की आपूर्ति के लिए तौर तरीकों पर काम करने के वास्ते मार्च में एक संयुक्त कार्य समूह की बैठक भी हो रही है। दोनों देशों ने आठ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए जिनमें पर्यटन को बढ़ावा देने, दूरसंचार टॉवरों में उर्जा क्षमता को मजबूत करने और भारत में बिजली उत्पादन से संबंधित समझौते भी शामिल हैं।
पूर्वी चीन सागर में कुछ विवादित द्वीपों पर जापान और चीन के बीच तनाव के मद्देनजर अबे की भारत यात्रा और इसके परिणाम पर चीन सरकार द्वारा उत्सुकता से नजर रखे जाने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल कहा था कि एक मजबूत और आर्थिक रूप से फिर से उठ खड़े हुए जापान तथा परिवर्तित हो रहे एवं तेजी से बढ़ रहे भारत के बीच साझेदारी क्षेत्र के अच्छे के लिए एक प्रभावी बल हो सकती है। अबे को राष्ट्रपति भवन में ‘एट होम’ कार्यक्रम में भी आमंत्रित किया गया।
पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच उच्च स्तर की सिलसिलेवार यात्राएं हुई हैं। मनमोहन मई में जापान गए थे। इस दौरान दोनों देश विविध क्षेत्रों, खासकर व्यापार एवं निवेश में सहयोग को और भी अधिक बढ़ाने पर सहमत हुए थे। जापान के सम्राट अकिहितो और उनकी साम्राज्ञी पत्नी मिचिको एक महीने पहले ही छह दिन की भारत यात्रा पर आए थे। 1990 में राज्याभिषेक होने के बाद सम्राट की किसी दक्षिण एशियाई देश की यह पहली भारत यात्रा थी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 26, 2014, 15:52