Last Updated: Monday, November 25, 2013, 23:19

अहमदाबाद : गुजरात पुलिस की ओर से एक महिला की जासूसी कराए जाने से जुड़े मामले में चौतरफा हमलों का सामना कर रहे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने जांच कराने के लिए अहमदाबाद उच्च न्यायालय की सेवानिवृत महिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग गठित किया है।
गुजरात उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश एस के भट्ट और राज्य के सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य सचिव के सी कपूर जांच दल में शामिल होंगे। इस आयोग को तीन महीने में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
राज्य के वित्त मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि हमने एक आयोग का गठन किया है जो युवा महिला को सुरक्षा प्रदान करने के आरोपों की जांच करेगा। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी पर कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर कड़ा प्रहार किया है और भाजपा को उनके नामांकन पर फिर से विचार करने और सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा समेत मोदी के विरोधी गुजराज के मुख्यमंत्री को घेरने का प्रयास करते हुए यह आरोप लगा रहे हैं कि महिला के फोन कथित तौर पर गैर कानूनी ढंग से उनकी शह पर टेप किये गए और आज की इस घोषणा को नुकसान की भरपायी करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। गुजरात सरकार के बयान के अनुसार, मामले के सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद राज्य सरकार ने व्यापक लोकहित और सचाई साबित करने के लिए मामले की जांच कराने का फैसला किया है।
बयान के अनुसार, इसलिए गुजरात सरकार ने जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत दो सदस्यीय आयोग गठित किया है जो इसकी जांच करेगी और रिपोर्ट पेश करेगी। इसमें कहा गया है कि आयोग का गठन इस संबंध में मीडिया में आए आडियो टेप के मद्देनजर किया गया है जिसमें कहा गया है कि 2009 में कथित तौर पर एक महिला पर नजर रखी गई। आज कांग्रेस समेत चार दलों के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन सौंपा और न्यायिक जांच कराने की मांग की। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 25, 2013, 23:19