जासूसी प्रकरण: महिला अयोग का गुजरात सरकार को जांच के निर्देश, कांग्रेस ने कहा-चुप्‍पी तोड़ें मोदी और शाह

जासूसी प्रकरण: महिला अयोग का गुजरात सरकार को जांच के निर्देश, कांग्रेस ने कहा-चुप्‍पी तोड़ें मोदी और शाह

जासूसी प्रकरण: महिला अयोग का गुजरात सरकार को जांच के निर्देश, कांग्रेस ने कहा-चुप्‍पी तोड़ें मोदी और शाहज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : एक महिला की गैरकानूनी तरीके से गुजरात पुलिस द्वारा की गई जासूसी के आरोपों पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को कहा कि वह गुजरात सरकार को नोटिस भेजेगा। आयोग की सदस्य निर्मला सामंत प्रभावलकर ने संवाददाताओं से कहा कि हम गुजरात सरकार को नोटिस भेज कर यह स्पष्ट करने के लिए कहेंगे कि युवती की निगरानी में रखने का आदेश देने के लिए उन्होंने मान्य प्रक्रिया अपनाई थी या नहीं। प्रभावलकर ने कहा कि आयोग इस मामले की जांच कराने के लिए केंद्र सरकार को भी पत्र भेजेगा। वहीं, कांग्रेस ने बुधवार को नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें और अमित शाह को इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। उधर, बीजेपी ने इस मामले में जांच से इनकार कर दिया है।

गौर हो कि दो खोजी वेबसाइटों के मुताबिक गुजरात पुलिस की तीन महत्वपूर्ण शाखाओं ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए बेंगलुरु की एक अविवाहित युवती की 2009 में जासूसी की थी। इसके लिए तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह ने `साहेब` के लिए आदेश दिए थे।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुजरात सरकार से राज्य के पूर्व गृहराज्यमंत्री अमित शाह के निर्देशों पर एक महिला की कथित जासूसी की जांच करने के लिए कहा है। आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया। वहीं, महिला के पिता ने आयोग से इस मामले में इस मामले में किसी भी तरह की जांच को बंद करने का आग्रह करते हुए दावा किया कि निजी अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ। आयोग की सदस्य निर्मला सामंत प्रभावलकर ने कहा कि हमने गुजरात के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर निजता के संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन, भारतीय टेलीग्राम कानून के उल्लंघन के लिए राज्य तथा पुलिस मशीनरी का दुरुपयोग की शिकायतों पर गौर करने के लिए कहा।

कथित जासूसी की शिकार लड़की के पिता ने आयोग को पत्र लिखकर मांग की कि जांच बंद होनी चाहिए और उन्होंने दावा किया कि निजता के अधिकार का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। हालांकि निर्मला ने कहा कि पिता को सामने आकर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग को आज पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि एक अज्ञात व्यक्ति ने कल रात एक सुरक्षाकर्मी को यह पत्र दिया जिसने आज हमें इसे सौंपा। पत्र में, पिता ने मांग की कि किसी जांच की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि निजता के अधिकार का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है और इस पूरे मामले का उपयोग राजनीतिक उददेश्यों को पूरा करने के लिए हो रहा है। पत्र में पिता ने कहा कि उनकी बेटी वास्तुविद और शादीशुदा है और वह किसी विवाद में शामिल नहीं होना चाहती। पिता ने यह भी कहा कि महिला को सुरक्षा की जरूरत है। हालांकि निर्मला ने कहा कि पिता को सामने आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिकायतें आमतौर पर निजी रूप से, पंजीकृत डाक, आनलाइन या फैक्स से की जाती हैं। इस मामले में किसी ने एक सुरक्षाकर्मी को हमें देने के लिए एक पत्र दिया जो प्रक्रिया नहीं है। हालांकि निर्मला ने कहा कि वे लड़की के पिता को पत्र लिखकर इस बात की पुष्टि करेंगे कि उन्होंने आयोग को पत्र लिखा है या नहीं।

उधर, एक महिला की जासूसी मुद्दे पर शुरू विवाद के बीच कांग्रेस ने आज नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। पार्टी ने यह भी कहा कि यह मामला यह एक बड़े रैकेट के रूप में सामने आ रहा है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और उनके करीबी सहयोगी अमित शाह को इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि किसी राज्य या देश में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए क्या मोदी पर भरोसा किया जा सकता है। गुजरात के मुख्यमंत्रियों के राजनीतिक विरोधियों की निगरानी की खबरों के बीच सुरजेवाला ने कहा कि इससे सार्वजनिक पद पर रहने की मोदी की क्षमता और विश्वसनीयता को लेकर सवाल पैदा हुए हैं।

वहीं, केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज गुजरात की एक महिला के पिता के इस दावे पर सवाल उठाए कि उन्होंने राज्य सरकार से अपनी बेटी की जासूसी कराने के लिए कहा था। खुर्शीद ने कहा कि किसी के निजी जीवन में घुसपैठ केवल ‘सर्वोपरि राष्ट्रीय हित’ में ही होना चाहिए। राष्ट्रीय महिला आयोग को लड़की के पिता द्वारा लिखे पत्र में इस मामले में संज्ञान नहीं लेने के लिए कहने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए खुर्शीद ने कहा कि परिवार को किसी एक सदस्य की ओर से फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है।

उधर, जासूसी मामले के विवाद को हवा देते हुए कांग्रेस ने आज मांग की कि भाजपा को अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को बदल लेना चाहिए जबकि मुख्य विपक्षी दल ने गुजरात के मुख्यमंत्री के करीबी अमित शाह के कथित इशारे पर एक युवती पर ‘अवैध’ पुलिस निगरानी कराने की जांच की मांग को ठुकरा दिया। भाजपा ने कहा, चूंकि युवती के पिता जांच से मना कर रहे हैं इसलिए इस मामले को यहीं समाप्त कर देना चाहिए। जेटली ने कहा कि संबंधित लड़की और उसके पिता ने कहा कि जासूसी नहीं की गई तथा जांच की जरूरत नहीं है। ऐसे में जांच का सवाल कहां उठता है। सरकार ऐसे दूसरे मामलों में जांच क्यों नहीं करा रही है? इसके पीछे तथ्य कम, राजनीतिक उद्देश्य ज्यादा है। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा जासूसी प्रकरण की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

मामले की जांच कराने की कांग्रेस की मांग को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए भाजपा ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि वह ऐसा दबाव क्यों बना रही है जबकि यह मामला राज्य का विषय है। केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संकेत दिया कि सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले की सूचना एकत्र कर रही हैं और अगर जरूरत पड़ी तो जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। उधर पूरे विवाद का केन्द्र बने अमित शाह ने इस विषय पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि जी हां, मेरा हमेशा ऐसा मानना रहा है। उनसे पूछा गया था कि क्या इस विवाद को देखते हुए भाजपा को अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को बदल लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि देर-सवेर ऐसा करना पड़ेगा।

First Published: Thursday, November 21, 2013, 00:28

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