Last Updated: Tuesday, November 26, 2013, 19:28

पणजी : गोवा पुलिस ने सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ ‘आव्रजन जांच अलर्ट’ जारी किया है जो जाहिर तौर पर तेजपाल को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी किया गया है।
पीड़ित पत्रकार ने मंगलवार को मुंबई में मामले की जांच कर रही राज्य अपराध शाखा की टीम के सामने गवाही दी जिसके कुछ मिनट बाद अलर्ट जारी किया गया।
उधर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने तेजपाल को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। तेजपाल पर 7 और 8 नवंबर को गोवा के एक होटल में एक महिला पत्रकार के यौन उत्पीड़न का आरोप है।
डीआईजी ओ पी मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सभी बंदरगाहों को एहतियाती कदम के तौर पर आव्रजन जांच अलर्ट जारी किया गया है ताकि इस मामले में आरोपी देश नहीं छोड़े। अलर्ट इस तरह की परिस्थिति से बचने के लिए जारी किया जाता है जिसमें आरोपी देश छोड़ने की कोशिश कर सकता है।’’
उन्होंने कहा कि सभी बंदरगाहों और आव्रजन सुविधा वाले हवाईअड्डों पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। डीआईजी ने कहा कि मामले के जांच अधिकारी पीड़ित से बात कर रहे हैं और वह हमारे साथ पूरी तरह सहयोग कर रही है।
उन्होंने पत्रकार द्वारा पुलिस में दर्ज कराये गये बयान का ब्योरा देने से मना कर दिया। मिश्रा ने कहा कि पुलिस को दिल्ली की एक अदालत में तेजपाल द्वारा दाखिल याचिका के बारे में कोई औपचारिक संदेश अभी तक नहीं मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘मामला अदालत में विचाराधीन होने के चलते मैं अभी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।’’ जांच में किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार करते हुए डीआईजी ने कहा, ‘‘हम पेशेवर हैं और व्यावसायिक नियमों के अनुसार काम करते हैं।’’
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता वीके मल्होत्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह तहलका के पूर्व संपादक को बचा रही है। मल्होत्रा ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस दोहरा रवैया अपना रही है। उन्होंन कहा कि आसाराम की तरह तेजपाल को भी सलाखों के पीछे होना चाहिए।
गोवा राज्य महिला आयोग की विद्या सेठ ने मामले में तहलका की मैनेजिंग एडिटर को भी बराबर का कसूरवार ठहराया। उन्होंने कहा कि शोमा ने मामले को दबाने के लिए तथ्यों को छिपाने की कोशिश की। विद्या ने गोवा पुलिस से कहा कि वह तरुण तेजपाल और शोमा दोनों को तुरंत गिरफ्तार करे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने तरुण तेजपाल को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया, जबकि तहलका के वरिष्ठ संपादक राणा अयूब ने इस्तीफा दे दिया है।
तरुण तेजपाल ने कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर पर जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी लेने का आरोप लगाया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 26, 2013, 14:41