केजरीवाल के इस्तीफे पर जेटली ने कहा-‘भगवान का शुक्र है, दु:स्वप्न समाप्त हुआ`

केजरीवाल के इस्तीफे पर जेटली ने कहा-‘भगवान का शुक्र है, दु:स्वप्न समाप्त हुआ`

केजरीवाल के इस्तीफे पर जेटली ने कहा-‘भगवान का शुक्र है, दु:स्वप्न समाप्त हुआ`नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण जेटली ने दिल्ली में आप की सरकार को ‘अब तक की सबसे खराब सरकार’ करार देते हुए शनिवार को कहा कि जनलोकपाल के मामले पर अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा देने का निर्णय ‘दु:स्वप्न’ से अंतत: उबरने जैसा है।

जेटली ने वेबसाइट पर लिखा, ‘दु:स्वप्न अंतत: समाप्त हो गया। दिल्ली की अब तक की सबसे खराब सरकार ने इस्तीफा दे दिया..भगवान का शुक्र है कि दु:स्वप्न समाप्त हो गया।’ राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने दावा कि ‘चतुर राजनीति और कोई प्रशासन नहीं’ दिल्ली में आप सरकार का सिद्धांत नजर आता है। उन्होंने कहा कि पिछले 49 दिनों में दिल्ली में एक गैर परंगरागत सरकार रही।

जेटली ने अपनी बेवसाइट पर लिखा, ‘यह एजेंडा रहित और विचारधारा रहित सरकार थी। यह सरकार लोकलुभावनवाद पर आधारित और जनभावनाओं का फायदा उठाने वाली थी।’ उन्होंने कहा कि हालांकि भाजपा दिल्ली विधानसभा में बड़ी पार्टी थी, आप को अपना बहुमत साबित करने के लिए ‘शर्मनाक तरीके से’ कांग्रेस का समर्थन हासिल करने से पहले कोई हिचकिचाहट नहीं हुई।

उन्होंने कहा, ‘यह जनादेश के बिना एक सरकार थी। इसके पास केवल 28 सीटें थीं।’ जेटली ने कहा कि आप के अधिकतर विधायकों के पास अनुभव और परिपक्वता की कमी थी। उन्होंने कहा, ‘उनका दृष्टिकोण आंदोलनकारी था लेकिन उन्हें किसी प्रकार का शासन चलाने का अनुभव नहीं था.. क्या आप सरकार ने दिल्ली में पेय जल संयोजकता को बढाने का निर्णय लिया?’ भाजपा नेता ने कहा, ‘क्या उन्होंने दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को बढाने की योजना के बारे में गंभीरता से सोचा? क्या उन्होंने कभी नए स्कूल या कॉलेज खोलने के बारे में सोचा? दिल्ली मेट्रो को अगले चरण पर ले जाने का क्या हुआ? क्या और अधिक पुल तथा बेहतर पीडब्ल्यूडी सड़कें बनाने का विचार कभी उनके दिमाग में आया? ये वे क्षेत्र हैं जो एक बड़े महानगर में रह रहे लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढाते हैं। ये शासन के वास्तविक क्षेत्र हैं।’

जेटली ने आप के नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा, ‘उन्होंने केवल उन मामलों तक अपना दृष्टिकोण केंद्रित रखा जिनपर आंदोलन किया जा सकता है । उन्होंने गृह मंत्री, उपराज्यपाल, पुलिस आयुक्त और अफ्रीकी महिलाओं के खिलाफ आंदोलन किया। उनका दृष्टिकोण झूठ गढ़ना और काल्पनिक दुश्मन बनाना था। वे इस हेकड़ी में थे कि केवल उन्हीं के नेता ईमानदार हैं और शेष सभी ने समझौता किया है।’ जेटली ने दावा किया कि आप की लोकप्रियता जब खोने लगी तो उसने खुद के लिए बाहर जाने का रास्ता तैयार किया।

उन्होंने लिखा कि आप को एहसास हो गया था कि उसके नेता सचिवालय में बैठने के लायक नहीं हैं। वह सड़कों के लिए अधिक उपयुक्त हैं। जेटली ने दावा किया कि जनलोकपाल विधेयक की विषय वस्तु केंद्र के कानून से मूलत: अलग नहीं है लेकिन वे दुष्प्रचार करना चाहते थे कि उनका विधेयक केंद्र के कानून की तुलना में क्रांतिकारी है।

उन्होंने कहा, ‘आप ने विधेयक पारित कराने के परंपरागत तरीके को अपनाने से इनकार कर दिया ताकि वह इस्तीफा देने का बहाना ढूंढ सके.. आप सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ने उन लोगों की उम्मीदों के विरद्ध काम किया है जो एक वैकल्पिक राजनीति का उदय देखना चाहते थे। वैकल्पिक राजनीति लोकलुभावनवाद, जन भावनाओं का फायदा उठाने वाली, झूठी थी और इसमें शासन शामिल नहीं था।’ (एजेंसी)

First Published: Saturday, February 15, 2014, 17:07

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