Last Updated: Friday, April 11, 2014, 21:53
नई दिल्ली : सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के पेशाब करने की आदत से निपटने से इनकार करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि वह यह सुनिश्चित नहीं कर सकता है कि अपने घरों से निकलने के बाद व्यक्ति बाहर पेशाब ना करें ।
आवासीय परिसर के दीवार पर लगी देवी-देवताओं की तस्वीरों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति प्रदीप नन्द्राजोग और न्यायमूर्ति दीपा शर्मा की पीठ ने यह बातें कहीं ।
अदालत ने कहा कि लोगों को दीवारों पर पेशाब करने से रोकने के लिए आवासीय परिसर की दीवारों पर यह तस्वीरें लगायी जाती है । उसने कहा कि इसके बावजूद लोग ऐसा करने से बाज नहीं आते ।
अदालत ने कहा, ‘अब, कोई किसी को भी उसके मकान की दीवार और सामूहिक आवासीय परिसर की दीवारों पर देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाने से मना नहीं कर सकता है । निवासियों को देवी-देवताओं की तस्वीरें हटाने का निर्देश देने के संबंध में किए गए अनुरोध पर हम निर्देश जारी नहीं कर सकते ।’ उसने कहा कि सार्वजनिक रूप से पेशाब करने की समस्या को किसी और तरीके से सुलझाना होगा । यह अदालत ऐसा कोई व्यक्ति नहीं बना सकती है जो अपने घर से निकले और पेशाब ना करे ।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 11, 2014, 21:53