तबलावादक अल्ला रक्खा के बर्थडे पर गूगल का डूडल

तबलावादक अल्ला रक्खा के बर्थडे पर गूगल का डूडल

तबलावादक अल्ला रक्खा के बर्थडे पर गूगल का डूडलमुंबई : गूगल ने मंगलवार को भारत के महान तबलावादक अल्ला रक्खा के 95वें जन्मदिन पर उनके सम्मान में उनका डूडल बनाया। यह डूडल काटरून के स्टाइल में है। गूगल के डबल `ओ` शब्दों में तबला बना हुआ है, जिसे उस्ताद अल्ला रक्खा बजा रहे हैं।

डूडल पर क्लिक करते ही अल्ला रक्खा के बारे में जानकारियों और समाचारों का पेज खुलता है। उस्ताद अल्ला रक्खा का पूरा नाम कुरैशी अल्ला रक्खा खान था। उनका जन्म 29 अप्रैल, 1919 जम्मू एवं कश्मीर के पाघवल में हुआ था। 12 साल की उम्र से ही उन्हें तबला वादन में दिलचस्पी थी। उन्होंने तबले के पंजाब घराने के मियां कादिर बख्श से तबले की तालीम लेनी शुरू की। उन्होंने पटियाला घराने के आशिक अली खान से राग विद्या सीखी।

अल्ला रक्खा ने दो शादियां की थी। बावी बेगम से पहली शादी में उनके तीन बेटे जाकिर हुसैन, फजल कुरैशी और तौफीक कुरैशी हैं और एक बेटी खुर्शीद औलिया नी कुरैशी थी। अल्ला रक्खा ने पाकिस्तान की एक महिला से प्रेम विवाह भी किया था। अल्ला रक्खा के बड़े बेटे उस्ताद जाकिर हुसैन भी मशहूर तबला वादक हैं। अल्ला रक्खा ने लाहौर में संगत वादक तौर पर अपना करियर शुरू किया। 1940 में वह बॉम्बे में आल इंडिया रेडियो में उन्होंने सबसे पहले एकल तबला वादन किया। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में के संगीत में तबला वादन किया। वह पंडित रविशंकर के तबले की साथ बेहतरीन संगत करते थे। उन्हें 1977 में `पद्मश्री` पुरस्कार और 1982 में `संगीत नाटक अकादमी` पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

इस महान तबला वादक का मुंबई में तीन फरवरी 2000 को हृदयाघात से निधन हो गया था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 29, 2014, 10:47

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