Last Updated: Tuesday, February 11, 2014, 19:17

वाशिंगटन : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोमवार को बताया कि इसके मंगल खोजी यान और ओडिसी ऑर्बिटर ने संकेत भेजे हैं कि इस लाल ग्रह पर अभी भी पानी मौजूद हो सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने नासा के हवाले से बताया कि अंतरिक्षयान ने तापमान बढ़ने पर मंगल ग्रह की ढलानों के नीचे उंगली जैसे गहरे निशान देखे, इसके साथ ही इन ढलानों के लौह खनिजों में भी इसी तरह के मौसमी बदलाव देखे।
नासा ने बताया कि इस घटना से संभावना है कि मंगल ग्रह के हिस्सों में मौसम के अनुसार फेरिक सल्फेट जैसे लौह खनिज एंटीफ्रीज के साथ लवण जल का प्रवाह हो सकता है। अनुसंधानककर्ताओं ने इन गहरे प्रवाहों को रिकरिंग स्लोप लाइनी (आरएसएल) कहा है और अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, अभी तक मंगल ग्रह पर 13 आरएसएल पाए गए हैं।
जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स और इकारस शोधपत्रों में प्रकाशित दो रपटों के मुख्य लेखक लुजेंद्र ओझा ने बताया कि अभी हमारे पास आरएसएल में पानी का अस्तित्व होने का सबूत नहीं है, हलांकि हम निश्चित नहीं हैं कि यह प्रक्रिया बिना पानी के हो सकती है। इन बदलावों की एक संभावित व्याख्या अनाज के आकार की छंटाई है, जैसे कि सतह से धूल का हटना, जो कि या तो नमी प्रक्रिया या सूखने की प्रक्रिया का परिणाम हो सकती है। दूसरी व्याख्या खनिजों के घटक में अधिक ऑक्सीकरण है। दोनों में से कोई भी पानी की ओर संकेत करेगी। शोधकर्ताओं ने बताया कि हालांकि पानी की खोज नहीं हुई है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 11, 2014, 19:17