लौट सकता है हॉकी का गौरव बशर्ते... : बलबीर सीनियर

लौट सकता है हॉकी का गौरव बशर्ते... : बलबीर सीनियर

नई दिल्ली : भारतीय हॉकी के मौजूदा स्तर से चिंतित महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर ने देश में खेल का खोया गौरव लौटाने के लिये एक ‘रोडमैप’ तैयार किया है जिसमें तीन चरण की राष्ट्रीय लीग का आयोजन शामिल है। तीन ओलंपिक 1948 (लंदन), 1952 (हेलसिंकी) और 1956 (मेलबर्न) में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे इस सेंटर फारवर्ड ने कहा कि भारत में इस समय हॉकी का स्तर काफी खराब और निराशाजनक है। जल्दी ही इसके पुनरुद्धार की दिशा में कदम उठाने होंगे ।

उन्होंने कहा कि हॉकी प्रशासन में गुटबाजी, जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित कोचों का अभाव और संगठित राष्ट्रीय लीग के नहीं होना चिंता का सबब है। बलबीर सिंह सीनियर ने बातचीत में कहा, ‘मैंने राष्ट्रीय हॉकी लीग के आयोजन के लिए एक योजना तैयार की है। इसे साल में एक बार कराया जाए और एक महीने के भीतर खत्म किया जाए।’

उन्होंने कहा कि यह विभिन्न देशों में होने वाली फुटबाल लीगों की तरह तीन चरण की लीग होगी। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की जगह हम कम से कम 30 टीमों की राष्ट्रीय लीग का आयोजन कर सकते हैं जिसमें टीमों को तीन समूहों में बांटा जाये। मसलन एक से 10 रैंकिंग वाली टीम एक समूह में हो, 11 से 20 वाली दूसरे और फिर 21 से 30 वाली तीसरे समूह में। इसमें प्रमोशन और रेलेगेशन का भी प्रावधान हो। उन्होंने यह भी कहा कि टीमों को प्रदर्शन के आधार पर नकद पुरस्कार दिये जाए।

बलबीर सीनियर ने कहा, ‘हर स्तर पर नकद पुरस्कार होने चाहिये क्योंकि खिलाड़ी और उसके परिवार की आर्थिक सुरक्षा जरूरी है।’ उन्होंने कहा, ‘कोचों को भी टीमों के प्रदर्शन के आधार पर नकद पुरस्कार दिए जाएं। राज्यों को राष्ट्रीय लीग में उनकी रैंकिंग के आधार पर फायदे दिये जाने चाहिए।’ अगले महीने अपना 90वां जन्मदिन मनाने जा रहे बलबीर ने कहा कि अभी उन्होंने इस संबंध में हॉकी इंडिया के अधिकारियों से बात नहीं की है।

बलबीर विदेशी कोचों की नियुक्ति के भी पक्षधर नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘विदेशी कोच बहुत अच्छे हैं लेकिन हमारी परिस्थितियों को रास नहीं आते। हमें अपने कोचों को बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजना चाहिए ताकि जब वे लौटें तो रिटायर होने तक काम संभाल सकें।’ उन्होंने कहा, ‘विदेशी कोच आते हैं, मोटी तनख्वाह लेते हैं और चले जाते हैं। यदि हम अपने कोचों को बाहर प्रशिक्षण दिलाएंगे तो वे वापस आकर देश की सेवा कर सकते हैं। हमारे पास प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन प्रशिक्षण और फिटनेस में हम पीछे हैं।’

बलबीर सीनियर ने कहा कि हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी महासंघ के बीच जारी विवाद से भी भारतीय हॉकी को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां दो महासंघ हैं। इस गुटबाजी से हॉकी को बहुत नुकसान हुआ है।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, November 29, 2013, 15:20

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