Last Updated: Wednesday, October 9, 2013, 11:06

नई दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन संघ के लगातार बढ़ते दबाव के बीच देश की शीर्ष महिला युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने आज अपनी आईबीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली स्मैशर्स और वकीलों से यहां मुलाकात की जिससे कि अपने खिलाफ आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश के मामले में अपने अगले कदम की योजना बना सकें।
बाई ने सोमवार को अपने अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के फैसले के लंबित रहते तक अगले एक महीने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए ज्वाला के नाम पर विचार करने से इनकार कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता यह खिलाड़ी डेनमार्क और फ्रेंच ओपन में नहीं खेल पाएगी। ज्वाला के पिता क्रांति गुप्ता ने कहा कि वे सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि खेल मंत्रालय इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेगा।
क्रांति ने कहा, उन्होंने एक समिति का गठन किया है और इस संबंध में हमें पत्र मिल गया है। हमने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं जिसमें कानूनी विकल्प भी शामिल हैं। उम्मीद करता हूं कि खेल मंत्रालय इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेगा।
क्रांति ने कहा, उम्मीद करता हूं कि बाई महसूस करेगा कि ज्वाला की कोई गलती नहीं थी और यह मुद्दा जल्द से जल्द सुलझ जाएगा। यह पूछने पर कि क्या खेल मंत्रालय इस मुद्दे पर हस्तक्षेप के बारे में सोच रहा है, एक अधिकारी ने कहा, हमें देखना होगा कि हम किस आधार पर हस्तक्षेप कर सकते हैं। उन्होंने कहा, अब तक किसी ने भी हमसे संपर्क नहीं किया है। लेकिन अगर कोई हमारे से संपर्क करता है तो हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 9, 2013, 11:01