फर्जी वोटरों का पता लगाएंगी चुनाव आयोग की टीमें

नई दिल्ली : दिल्ली चुनाव आयोग ने शहर में ‘फर्जी’ मतदाताओं का पता लगाने के लिए एक निगरानी तंत्र स्थापित किया है। यह व्यवस्था उन निर्वाचन क्षेत्रों में भी की गई है जिनका प्रतिनिधित्व विभिन्न राजनीतिक दलों के बड़े नेता करते हैं।

दिल्ली निर्वाचन आयोग फर्जी मतदाताओं और अस्तित्वविहीन मतदाताओं (नॉन एग्जिस्टेंट वोटर्स) की पहचान करने के लिए अधिकारियों और पुलिस कर्मियों की विशेष टीमें तैनात करेगा। दिल्ली चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘फर्जी’ मतदाताओं की पहचान के लिए अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की विशेष टीमें तैयार की जा रही हैं । ये टीमें ऐसे मतदाताओं का भी पता लगाएंगी जो अब शहर में मौजूद ही नहीं हैं ।

उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव आयोग ने ‘अत्यंत सतर्कता’ के साथ मतदाता सूची तैयार की है और इस बात के लिए प्रयास लगातार जारी रहेंगे कि फर्जी मतदाता वोट नहीं डाल पाएं। आयोग ने पिछले साल घर-घर जाकर एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें 15 लाख ऐसे मतदाता पाए गए थे जिनका अब अस्तित्व नहीं है। उनका या तो निधन हो चुका है या वे शहर छोड़कर कहीं और चले गए हैं। अधिकारी ने इस सर्वेक्षण के संदर्भ में कहा कि यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास किए जाएंगे कि 4 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह का फर्जी मतदान नहीं हो पाए।

पिछले एक महीने में दो लाख से अधिक लोगों ने मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। इनमें से करीब 50 हजार लोगों ने पिछले एक हफ्ते में आवेदन किया है। मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए भीड़ के चलते आयोग ने आवेदन स्वीकार करने की तारीख 6 नवंबर तक बढ़ा दी है। साथ ही आयोग ने बूथ स्तरीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची को अंतिम रूप दिए जाने से पहले वह आवेदनों का सत्यापन करें।

अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 1.15 करोड़ है और महिला-पुरूष अनुपात
804:1000 का है। पिछले साल के सर्वेक्षण का ब्यौरा देते हुए दिल्ली चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि करावल नगर निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे सर्वाधिक मतदाता पाए गए जो अब शहर में मौजूद नहीं हैं। इनकी संख्या 56,000 थी। इसके बाद मटियाला में 46,000 और उत्तम नगर में 41,000 ऐसे मतदाता पाए गए।

नयी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे मतदाताओं की संख्या 34,000 और गांधीनगर में इनकी संख्या 17,000 रही।
बल्लीमारान में ऐसे मतदाताओं की संख्या 21,000, मंगोलपुरी में 22,000, लक्ष्मीनगर में 23,000 और ग्रेटर कैलाश में 31,000 रही जिनकी या तो मौत हो चुकी है या वे शहर छोड़ कर अन्यत्र जा चुके हैं। सर्वेक्षण के बाद दिल्ली चुनाव आयोग ने इन सभी 15 लाख मतदाताओं को नोटिस जारी कर उनसे यह साबित करने के लिए कहा था कि वे उसी जगह के निवासी हैं जो उन्होंने अपने पते में दर्ज कराया है।

इसके बाद केवल 1.99 लाख लोगों ने अपने पते और अन्य दस्तावेजों से संबंधित सबूत जमा कराया। दिल्ली चुनाव आयोग ने नोटिसों का जवाब देने में विफल रहने वाले 13.1 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 20, 2013, 17:02

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