भाजपा-अकाली दल गठबंधन किसी कीमत पर टूटने नहीं देंगे: हर्षवर्धन

भाजपा-अकाली दल गठबंधन किसी कीमत पर टूटने नहीं देंगे: हर्षवर्धननई दिल्ली : भाजपा ने आज कहा कि वह दिल्ली में कांग्रेस सरकार को पराजित करने के लिए अपने स्वाभाविक सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने के भरपूर प्रयास कर रही है और पार्टी किसी कीमत पर गठबंधन को टूटने नहीं देना चाहती। भाजपा की ओर से इस तरह की कोशिश तब की जा रही है जब अकाली दल (बादल) की दिल्ली इकाई ने 4 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में 16 सीटों पर अपने दम पर किस्मत आजमाने की घोषणा की है।

दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के भाजपा के दावेदार हर्षवर्धन ने कहा, हम उनके साथ पूरे तालमेल के साथ काम कर रहे हैं और मैं कभी नहीं चाहूंगा कि किसी भी कीमत पर गठबंधन टूट जाए। पार्टी की भी यही राय है। प्रयास चल रहे हैं और मुझे सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। अकाली दल (बादल) की दिल्ली इकाई की कोर कमेटी ने 22 अक्तूबर को सर्वसम्मति से अकेले चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित किया था और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को पत्र भेजकर इस बाबत निर्णय लेने का अनुरोध किया। हर्षवर्धन ने अकाली दल (बादल) को भाजपा का स्वाभाविक सहयोगी बताते हुए उम्मीद जताई कि ये रिश्ते बने रहेंगे और दोनों दल चुनावों में कांग्रेस को हराने के समान उद्देश्य के साथ काम करेंगे।

उन्होंने कहा, हमने पिछले कई साल से हमेशा अकाली दल के साथ गठबंधन रखा है। वे हमारे स्वाभाविक सहयोगी हैं। पार्टी के साथ हमारा गठबंधन अभी समाप्त नहीं हुआ है। अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है। दिल्ली में 2008 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में अकाली दल दिल्ली ने भाजपा के साथ गठजोड़ में चार विधानसभा सीटों पर किस्मत आजमाई थी लेकिन सभी सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

हर्षवर्धन ने इस बात को स्वीकार किया कि दोनों दलों के बीच अभी तक सीट-बंटवारे पर सहमति नहीं बनी है लेकिन उन्होंने इस बाबत सकारात्मक नतीजा निकलने की उम्मीद जताई। अकाली दल राजग का एक प्रमुख घटक दल रहा है। दोनों दल पंजाब में तीसरी बार मिलकर सरकार चला रहे हैं। दिल्ली भाजपा के सूत्रों ने कहा कि पार्टी राजधानी में अकाली दल को तीन से ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं है वहीं अकाली दल पिछली बार मिली चार सीटों से ज्यादा सीटें मांग रहा है।

अकाली दल ने जिन सीटों को चुना है, उनमें पश्चिम दिल्ली के मोती नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, हरिनगर, जनकपुरी मादीपुर और नांगलोई तथा उत्तर दिल्ली के शकूर बस्ती, आदर्श नगर व तिमारपुर हैं। पार्टी ने यमुनापार के क्षेत्रों में शाहदरा, कृष्णनगर और रोहताश नगर एवं दक्षिण दिल्ली में ग्रेटर कैलाश, कालकाजी के साथ मध्य दिल्ली के राजेंद्र नगर में अपने उम्मीदवार उतारने का मन बनाया है।

अकाली दल के नेताओं ने कहा कि वे तिलक नगर सीट पर जीत हासिल करने के लिए उत्सुक हैं जहां सिख समुदाय की अच्छी खासी जनसंख्या है। यहां से पिछले 20 साल से भाजपा के ओपी बब्बर विधायक हैं। राजौरी गार्डन सीट पर पर भी पार्टी अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है जहां वह पिछले विधानसभा चुनाव में सौ से भी कम वोटों से हार गयी थी।

दिल्ली भाजपा के सूत्रों ने कहा कि उसने स्पष्ट संकेत दे दिये हैं कि वह अकाली दल की मांग नहीं मानेगी। भाजपा को लगता है कि अकाली दल कभी अकेले चुनाव नहीं लड़ेगा और 16 सीटों पर अकेले किस्मत आजमाने की उसकी घोषणा भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, केंद्रीय नेतृत्व इस विषय पर विचार करेगा जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 2, 2013, 13:33

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