Last Updated: Wednesday, October 23, 2013, 23:27
नई दिल्ली : कांग्रेस की शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल से मुकाबले की खातिर दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक छह हफ्ते पहले भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए गए हर्षवर्धन ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता अपनी पार्टी को प्रेरित करना तथा लोगों को एक ईमानदार एवं जनहितैषी सरकार देना है।
गौरतलब है कि भाजपा में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर अंदरूनी मतभेद थे। चुनावों में जीत के विश्वास से भरे हर्षवर्धन ने कहा कि भाजपा के सभी नेता और कार्यकर्ता चार दिसंबर को होने जा रहे चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने के लिए कमर कस चुके हैं।
हर्षवर्धन ने कहा, ‘कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए दिल्ली में नेता और कार्यकर्ता पूरी तैयारी में हैं। नेता और कार्यकर्ता एक ऐसी सरकार लाने की पुरजोर तैयारी कर रहे हैं जो जनहितैषी, पूरी तरह पारदर्शी, ईमानदार एवं लोगों की चिंता का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हो।’ कान, नाक एवं गला रोग विशेषज्ञ रहे 59 साल के हर्षवर्धन ने इस बात से इंकार किया कि पार्टी में किसी तरह का अंदरूनी झगड़ा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सौहार्दपूर्ण संबंध रखने वाले हर्षवर्धन ने कहा, ‘भ्रष्ट शीला दीक्षित’ सरकार को मात देने का एकमात्र लक्ष्य लेकर सभी नेता काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पार्टी में कोई अंदरूनी झगड़ा नहीं है। हम सब एकजुट हैं और कांग्रेस सरकार को मात देने के एकमात्र लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। हमें चुनावों में अपनी जीत का यकीन है।’
कृष्णा नगर विधानसभा सीट से चार बार विधायक चुने गए हर्षवर्धन ने कहा कि वह दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष विजय गोयल और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हर्षवर्धन ने कहा, ‘व्यक्ति एवं पद महत्वपूर्ण नहीं हैं। पार्टी की विचारधारा एवं दृष्टि महत्वपूर्ण है। पार्टी के एक माध्यम के तौर पर मुझे आगामी दिनों में लोगों के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गयी है। लोगों की अपेक्षा पर खरा उतरने का मैं भरसक प्रयास करूंगा।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 23, 2013, 23:27