Last Updated: Saturday, November 23, 2013, 14:34

नई दिल्ली : दिल्ली में चार दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस, भाजपा और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा हो लेकिन वाम दलों समेत कई अन्य पार्टियां भी हैं जो दिल्ली के चुनावी समर में अपनी मौजूदगी का अहसास कराने का प्रयास कर रही हैं।
तीन वाम दल भाकपा, माकपा और फारवर्ड ब्लाक ने मिलकर 19 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है जबकि भाकपा (माले) ने चार सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं।
भाकपा ने 10 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं जबकि माकपा और फारवर्ड ब्लाक ने क्रमश: तीन और दो सीटों पर प्रत्याशी खड़े किये हैं।
समाजवादी पार्टी ने 27 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं जबकि बसपा ने 69 सीटों तथा राकांपा ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
वामदलों का कहना है कि वह इस मंत्र पर आगे बढ़ रहे हैं कि ‘धीमी और सतत रूप से आगे बढ़ने वाला जीतता है। वे उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत कर रहें हैं जिन्हें अन्य दल नजरअंदाज कर रहे हैं।
माकपा के दिल्ली प्रदेश सचिवालय के सदस्य वीरेन्द्र शर्मा ने कहा, ‘‘कांग्रेस या भाजपा की तरह हमारा कोई घोषणापत्र नहीं है जिसमें बड़े बड़े वादे किये गये हैं। हम बुनियादी मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं।’’
माकपा करावल नगर, शाहदरा और द्वारका से चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने 2008 में चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था। माकपा जिन मुद्दों को उठा रही है, उनमें खाद्य सुरक्षा, कामकाजी वर्ग की समस्याओं और न्यूनतम मजदूरी लागू करना आदि शामिल है।
शर्मा ने कहा, ‘‘ दल एक दिन में गठित नहीं होते हैं, इनका विकास समय के साथ होता है। हम तीन वषरे से अभियान चला रहे हैं। जिन क्षेत्रों से हम चुनाव लड़ रहे हैं, अगर वहां हम जीत जाते हैं और विधानसभा में हमें कुछ प्रतिनिधित्व मिल जाता है तब हमें अपनी बात उठाने का मौका मिलेगा।’’
जिन क्षेत्रों से भाकपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें नरेला, तिमारपुर, मंगोलपुरी, पालम, छतरपुर, त्रिलोकपुरी, पटपड़गंज, सीमापुरी और बाबरपुर शामिल हैं। 2008 के चुनाव में पार्टी ने छह सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 23, 2013, 14:34