Last Updated: Tuesday, December 10, 2013, 12:57
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: दिल्ली में अभी भी सरकार गठन पर ग्रहण लगा हुआ है। विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए जरूरी 36 सीटें नहीं मिल सकी है। प्रदेश की दो बड़ी पार्टी भाजपा और आम आदमी पार्टी ने अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। इस बीच आप के नेता प्रशांत भूषण ने कहा था कि अगर भाजपा हमारी मांगों को पूरा करेगी तो हम प्रदेश में सरकार बनाने में समर्थन दे सकते है। परन्तु बाद में प्रशांत भूषण अपने बयान से पलट गए और कहा, भाजपा को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता।
एक साल पहले बनी आम आदमी पार्टी ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा है कि हम विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे या फिर चुनाव का सामना करेंगे। आप के नेता मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के साथ जाने के बजाय फिर से चुनाव लड़ना चाहेंगे। लेकिन आप के सीनियर नेता प्रशांत भूषण ने कल शाम विपक्षियों के प्रति नरम रूख दिखाया था।
सूत्रों को अनुसार भूषण ने कहा था, आम आदमी पार्टी शर्तों पर भाजपा को समर्थन देने पर विचार कर सकती है, अगर भाजपा 29 दिसंबर तक जनलोकपाल बिल पास कर दे और जनसभा का निर्माण करे साथ ही आप ने जनता से जो वादे किए है उनका पूरा करने का लिखित वादा करे। हालांकि भूषण ने यह भी कहा था, यह मेरा व्यक्तिगत विचार है पार्टी का नहीं।
वहीं आम आदमी पार्टी ने अपने नेता प्रशांत भूषण के बयान को निजी राय बताते हुए फिर से विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए कमर कस चुकी है। पार्टी के निर्वाचित विधायकों की बैठक में अगले चुनाव की तैयारी करने का फैसला हुआ है। दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुई आम आदमी पार्टी की बैठक में सरकार न बन पाने की स्थिति में आप ने फिर से चुनावी अखाड़े में उतरने पर विचार किया। इस बैठक में अरविंद केजरीवाल को आम आदमी पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
First Published: Tuesday, December 10, 2013, 09:49