Last Updated: Wednesday, November 27, 2013, 23:43

नई दिल्ली : दिल्ली में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकती है, लेकिन राज्य में त्रिशंकु सरकार बनने की संभावना है। बुधवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई।
एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, भाजपा को राज्य के कुल 70 विधानसभी सीटों में से 32 पर जीत मिल सकती है। भाजपा का मत प्रतिशत 33 फीसदी रहने की उम्मीद है। सत्ताधारी दल कांग्रेस की झोली में 25 सीटें जाने की संभावना है, जबकि उसे 26 फीसदी मत मिलेंगे। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को 23 फीसदी मत प्रतिशत के साथ 10 सीटें मिलने की संभावना है। सर्वेक्षण के अनुसार, भाजपा के हर्षवर्धन सर्वाधिक वांछित मुख्यमंत्री हैं, जबकि इस क्रम में केजरीवाल दूसरे स्थान पर हैं।
सर्वेक्षण में हालांकि यह भी कहा गया है कि 15 से 20 सीटों पर चूंकि जीत का अंतर काफी कम हो सकता है, इसलिए ये सीटें अंतिम परिणाम को बदल सकती हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि महंगाई सबसे बड़ा कारण है, जो सत्ताधारी कांग्रेस के खिलाफ जा रहा है, हालांकि सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि पिछले 15 वर्षो में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा कराए गए कार्य भी राज्य के नागरिकों की निगाह में हैं। सर्वेक्षण में शामिल 81 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि आगामी चुनाव में सब्जियों के अत्यधिक बढ़े हुए दाम निर्णायक कारण साबित होंगे।
सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में आप पार्टी को भ्रष्टाचार पर लगाम कसने वाला माना जा रहा है, तो भाजपा को मंहगाई काबू करने वाला। दूसरी ओर कांग्रेस को कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने वाली पार्टी के तौर पर देखा जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के मामले में हालांकि जनमत बंटा हुआ है। सर्वेक्षण में शामिल 47 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस चूंकि वीआईपी हस्तियों की सुरक्षा में लगी हुई है, इसलिए राज्य में अपराध में वृद्धि हुई है, जबकि 40 फीसदी प्रतिभागियों का मानना है कि राज्य में अपराध बढ़ने के पीछे लोगों में कानून के भय का न होना है। इस जनमत सर्वेक्षण में 6,340 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 27, 2013, 23:43