Last Updated: Saturday, March 1, 2014, 23:58
अजनाला (पंजाब) : स्वयंसेवकों ने शनिवार को ‘शहीदां दा खू’ नाम के उस कुएं से 40 और भारतीय सैनिकों के शव निकाले जिसमें 157 साल पहले ब्रिटिश सेना ने 200 से ज्यादा भारतीय सैनिकों को मारकर फेंक दिया था।
खुदाई के काम में शामिल स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों और गुरूद्वारा प्रबंधन समितियों के स्वयंसेवकों ने शुक्रवार को 22 भारतीय सैनिकों के शव निकाले थे।
पुलिस ने कहा कि उस जगह से कंकाल, 1857 के जमाने के सिक्के और सैन्य पदक भी बरामद किए गए।
स्थानीय गुरूद्वारा प्रबंधन समिति के प्रमुख अमरजीत सिंह सरकारिया और गैर सरकारी संगठनों की अगुवाई कर रहे इतिहासकार सुरिंदर कोचर के मुताबिक, आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों ने खुदाई के काम में योगदान किया। इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की गई है और खुदाई का काम जारी रहेगा।
साल 1857 के विद्रोह के दौरान लाहौर की मियां मीर छावनी में करीब 500 भारतीय सैनिकों ने बगावत कर दी थी और वे रावी नदी तैरकर पार करने के बाद अमृतसर के अजनाला आए थे। स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों ने कहा कि उनमें से 218 सैनिकों को ब्रिटिश सेना ने पास के ददियां सोफियां गांव में मौत के घाट उतार दिया था। बाकी के 282 सैनिकों को उन्होंने पिंजरे जैसे एक कमरे में बंद कर दिया था। उनमें से कई सैनिकों की दम घुटने से मौत हो गई और जो बच गए उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। मारे गए सैनिकों के शवों को बाद में कुएं में फेंक दिया गया। इसी कुएं का नाम आगे चलकर ‘शहीदां दा खू’ पड़ा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 1, 2014, 23:58