Last Updated: Tuesday, February 25, 2014, 23:42
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के बागी हुए 13 विधायकों में से 9 पार्टी में वापस लौट गए जिससे टूट की कहानी बिखर गई और लालू आक्रामक मुद्रा में आ गए। टूट की खबर सुनकर नई दिल्ली से पटना पहुंचे लालू प्रसाद ने कहा, नीतीश सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। यह बिहार में पार्टियों को तोड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया, वे (नीतीश कुमार) करोड़ों रुपये रिश्वत में दे रहे हैं। लालू ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी अल्पमत की सरकार को बचाने के उद्देश्य से राजद विधायकों को जनता दल युनाइटेड में शामिल होने के लिए रिश्वत दी। इसके अलावे लालू यादव पार्टी से बागावत करने वाले विधायकों को अलग गुट के रूप में मान्यता देने के बिहार विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से नाराजगी जताई, साथ ही उन्होंने कहा, विधानसभा अध्यक्ष ने जल्दबाजी में फैसला लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि अपनी सरकार बचाने के लिए वे चालें चल रहे हैं। भाजपा के साथ `डाइवोर्स` होने के बाद से उनकी सरकार अल्पमत में है। अपनी सरकार को स्थिर करने के लिए वे दूसरे दलों में सेंध लगाने की कोशिश करते रहते हैं। लालू प्रसाद ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा, पहले त हमको राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ मिलकर जेल भिजवा दिया और अब हमारी पाटिए हड़पने चला था।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में राजद के 22 में से 16 विधायक शामिल हुए। सोमवार को 13 विधायकों के टूट का दावा किया गया था, लेकिन मंगलवार की बैठक में उनमें से नौ विधायक शामिल हुए। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद के 22 विधायक हैं, जबकि जदयू के पास 118 विधायक हैं।
राजद नेताओं ने कहा कि चार विद्रोही विधायकों - पार्टी के मुख्य सचेतक सम्राट चौधरी, राघवेंद्र प्रताप सिंह, जावेद इकबाल अंसारी और अख्तरुल इस्लाम बैठक में शामिल नहीं हुए और दो विधायक अपने क्षेत्र में होने के कारण नहीं आ सके। राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले चार बागियों को राजद कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। उन्होंने कहा कि टूट के बारे में उनसे रुख बताने के लिए कहा जाएगा और स्पष्टीकरण आने के बाद पार्टी कार्रवाई करेगी।
सिद्दीकी ने कहा, टूट की गतिविधि साफ हो जाने के बाद पार्टी विधानसभा अध्यक्ष से उनकी सदस्यता समाप्त करने की गुजारिश करेगी। अपने विधायकों के साथ मुलाकात करने के बाद लालू प्रसाद ने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी की कथित भूमिका के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वे राजभवन पर धरना देंगे।
राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के साथ साजिश रची थी। विधानसभा अध्यक्ष के पद का भी दुरुपयोग हुआ है। खेद की बात है कि जिस पर संविधान और नियमों की रक्षा की जिम्मेदारी है, वही इसका हत्यारा निकला।
रघुवंश ने कहा, दुनिया जानती है कि दो तिहाई सदस्य जब अलग होंगे तभी दल बदल विरोधी कानून के तहत उन्हें अगल गुट के रूप में मान्यता मिलेगी। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने किस तरह 13 विधायकों की टूट को स्वीकार किया और आनन-फानन में उन्हें पृथक गुट के रूप में मान्यता देते हुए अधिसूचना जारी कर दी। इससे साफ जाहिर है कि इस प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष के आसन का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने विधायकों को करोड़ों रुपये रिश्वत और मंत्री पद का लालच दिए जाने का भी आरोप लगाया। इस लड़ाई को जनता के बीच ले जाने की घोषणा करते हुए रघुवंश ने चुनौती देने वाले अंदाज में कहा, इस भारत में देखें कौन वीर बलिदानी है, किसकी धमनी में खून और किसकी धमनी में पानी है।
First Published: Tuesday, February 25, 2014, 23:42