Last Updated: Monday, November 25, 2013, 21:39
अहमदाबाद : एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को यहां यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम के 7 शिष्यों के खिलाफ आरोप तय किए। ये आरोप आश्रम में अध्ययनरत दो लड़कों की, लापरवाही के कारण मौत होने के सिलसिले में तय किए गए। अदालत में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने से मामले की सुनवाई शुरू होने का रास्ता साफ हो गया।
पंकज सक्सेना, योगेश भाटी, नील केतन उर्फ खेतान, विकास खेमा, उदय सांघवी, अजय शाह और कौशिक वानी के खिलाफ मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस वी पारेख के समक्ष आरोप तय किए गए। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को तय की गई है और उसी दिन सुनवाई शुरू होने की संभावना है।
आसाराम के गुरूकुल में पढ़ रहे दस वर्षीय दीपेश वाघेला और 11 वर्षीय अभिषेक वाघेला के क्षतविक्षत शव 5 जुलाई 2008 को आसाराम के यहां स्थित आश्रम के पीछे साबरमती नदी के किनारे पड़े मिले थे। दोनों बच्चे 3 जुलाई से लापता थे। दोनों के अभिभावकों का आरोप है कि उनके बच्चों पर आसाराम और उसके बेटे ने ‘काला जादू’ किया था जिसकी वजह से उनकी मौत हुई। मामले की जांच कर रही सीआईडी ने वर्ष 2009 को आसाराम के सात शिष्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत एक मामला दर्ज किया था। आरोपियों ने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की।
उच्च न्यायालय ने सीआईडी को अपेक्षाकृत कम गंभीर अपराध की धारा 304 (ए) (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 25, 2013, 21:39