Last Updated: Wednesday, January 29, 2014, 09:57
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती के आधी रात को मारे गए छापे के दौरान हंगामा करने वाले `अज्ञात लोगों` के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने की मांग करते हुए दायर की गई युगांडाई महिला की अर्जी पर यहां की एक अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया। इस मामले में कोर्ट आज अपना फैसला दे सकती है।
दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह अदालत को बताया कि अलग से एफआईआर दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसी घटना को लेकर एक मामला पहले से ही दर्ज किया जा चुका है। महिला ने मंगलवार को महानगर दंडाधिकारी चेतना सिंह के सामने अलग से एफआईआर दर्ज करने की जरूरत नहीं बताए जाने की दिल्ली पुलिस की दलील का विरोध किया।
युगांडाई महिला की ओर से पैरवी करने वाले वकील राकेश शेरावत ने दंडाधिकारी से कहा कि दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पूर्वाग्रही है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। वकील ने कहा कि यह घटना आम है, लेकिन शिकायतकर्ता भी घटना की पीड़िता है और उसके साथ ही कुछ लोगों ने छेड़खानी की। पुलिस ने शनिवार को अदालत को बताया कि इस वादी (दूसरी युगांडाई महिला) से भी पहले मामले के जांच अधिकारी पूछताछ कर चुकी हैं और वादी का बयान कलमबंद किया जा चुका है।
शिकायतकर्ता के वकील ने पुलिस की दलील का यह कहते हुए विरोध किया कि प्रार्थी को पीड़िता के तौर पर नहीं, बल्कि पहले मामले में गवाह के तौर पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पीड़िता को हमलावरों के खिलाफ अभियोजन का अधिकार नहीं होगा, क्योंकि कानून एक गवाह को आरोपी के वकील से जिरह करने और सुनवाई में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं देता है। दोनों शिकायतों में कानून मंत्री भारती को आरोपी नहीं बनाया गया है।
First Published: Wednesday, January 29, 2014, 09:57