Last Updated: Saturday, November 2, 2013, 19:09
इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में चार नवंबर को हजारों दर्शकों की मौजूदगी में ‘हिंगोट युद्ध’ छिड़ेगा। फिजा में बिखरे त्योहारी रंगों और उल्लास के बीच छिड़ने वाली इस पारंपरिक जंग में ‘कलंगी’ और ‘तुर्रा’ दल के योद्धा एक-दूसरे को धूल चटाने की भरसक कोशिश करेंगे। हर साल की तरह इस बार भी दीपावली के अगले दिन यहां से करीब 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा गांव हिंगोट युद्ध का मैदान बनेगा। इस जंग में हथियार के रूप में ‘हिंगोट’ का इस्तेमाल किया जायेगा।
हिंगोट दरअसल एक फल है, जो हिंगोरिया नाम के पेड़ पर लगता है। आंवले के आकार वाले फल से गूदा निकालकर इसे खोखला कर लिया जाता है। इसके बाद इसमें कुछ इस तरह बारूद भरी जाती है कि आग दिखाने पर यह किसी अग्निबाण की तरह सर्र से निकल जाता है। परंपरा के मुताबिक जिले के दो गांवों गौतमपुरा और रुणजी के बाशिंदे सूर्यास्त के तत्काल बाद एक मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद हिंगोट युद्ध की शुरूआत होगी।
गौतमपुरा के योद्धाओं के दल को ‘तुर्रा’ नाम दिया जाता है, जबकि रुणजी गांव के लड़ाके ‘कलंगी’ दल की अगुवाई करते हैं। गौतमपुरा नगर परिषद के अध्यक्ष विशाल राठी ने बताया, ‘हिंगोट युद्ध को प्रशासन की औपचारिक मंजूरी मिल गयी है। इस परंपरागत आयोजन के लिये दोनों गांवों के लड़ाके के लिये पूरी तरह तैयार हैं।’
राठी ने बताया कि हिंगोट युद्ध के मद्देनजर गौतमपुरा में सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गयी है। दोनों दलों के लड़ाकों की हिफाजत के लिये युद्ध स्थल पर तीन फुट की उंचाई तक मुरम डलवाकर दीवार.सी बनायी गयी है, जबकि दर्शक दीर्घा के आस.पास जालियां लगवायी गयी हैं। ‘हिंगोट युद्ध’ की परंपरा की शुरूआत कब और कैसे हुई, इस सिलसिले में इतिहास के प्रामाणिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं।
हालांकि, राठी बताते हैं कि इस बारे में ऐसी दंतकथाएं जरूर प्रचलित हैं कि रियासत काल में गौतमपुरा क्षेत्र की सरहदों की निगहबानी करने वाले लड़ाके मुगल सेना के उन दुश्मन घुड़सवारों पर हिंगोट दागते थे, जो उनके इलाके पर हमला करते थे। उन्होंने कहा, ‘हमारे पुरखों के मुताबिक हिंगोट युद्ध एक किस्म के अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। कालांतर में इससे धार्मिक मान्यताएं जुड़ती चली गयीं।’ इन्हीं धार्मिक मान्यताओं के मद्देनजर हिंगोट युद्ध में पुलिस और प्रशासन रोड़े नहीं अटकाते, बल्कि रणभूमि के आस.पास सुरक्षा एवं घायलों के इलाज के पक्के इंतजाम किये जाते हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 2, 2013, 19:09