केजरीवाल के सामने 3 वायदों को पूरा करने की तत्काल चुनौती

केजरीवाल के सामने 3 वायदों को पूरा करने की तत्काल चुनौती

नयी दिल्ली : दिल्ली के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने जा रहे अरविन्द केजरीवाल के सामने तीन प्रमुख वायदों को पूरा करने की तत्काल चुनौती सामने आएगी। इन वायदों में दिल्ली जन लोकपाल विधेयक पारित कराना, बिजली की दरों में 50 प्रतिशत की कटौती और नगर में हर घर में 700 लीटर मुफ्त पानी की आपूर्ति शामिल हैं।

मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित 45 वर्षीय केजरीवाल को लोगों की भारी उम्मीदों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने हालांकि उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘ यह मेरी जीत नहीं हैं बल्कि यह आम आदमी की जीत है। आम आदमी मुख्यमंत्री बनेगा, मैं नहीं।’’ केजरीवाल के पास अपनी तत्काल प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए संभवत: दो महीने से कुछ अधिक का समय होगा क्योंकि लोकसभा चुनावों के कारण मार्च में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।

उनके सरकार चलाने पर काफी निगाहें लगी रहेंगी क्योंकि चार दिसंबर को हुए विधानसभा चुनावों में बेहतरीन कामयाबी हासिल करने वाली पार्टी आप ने लगभग हर मोर्च पर ‘‘भ्रष्ट’’ कांग्रेस की आलोचना की है। केजरीवाल ने कारों में लाल बत्ती जैसी वीआईपी संस्कृति समाप्त करने का भी वायदा किया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीति में आए केजरीवाल किस प्रकार अपने वायदों को पूरा करते हैं।

आप ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से बाहर से समर्थन लेने का फैसला किया है। ऐसे में लोगों की नजर इस बात पर रहेगी कि क्या केजरीवाल कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की किसी जांच का आदेश देंगे। शुरू में आप ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों में से किसी से भी समर्थन लेने से इंकार कर दिया था। इसके बाद दोनों पार्टियों ने आरोप लगाया कि आप जिम्मेदारी से भाग रही है क्योंकि उसे डर है कि वह अपने वायदों को पूरा नहीं कर पाएगी।

आप ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बिजली वितरण करने वाली निजी कंपनियों का लेखा परीक्षण कराने और बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कमी करने का वायदा किया था। दिल्ली में बिजली की दरों का फैसला दिल्ली बिजली नियामक आयोग द्वारा किया जाता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल किस प्रकार इसमें कमी ला पाते हैं।

दिल्ली में बिजली की दरों में 2011 में 22 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी और पिछले साल फरवरी में पांच प्रतिशत की और वृद्धि की गयी थी। जुलाई 2012 में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुयी थी। बाद में दो बार क्रमश: तीन प्रतिशत और पांच प्रतिशत की वृद्धि की गयी। बिजली की दरों को लेकर कांग्रेस आप पर हमला बोलती रही है और उसका आरोप है कि आप ने इस संबंध में लोगों को गुमराह किया है। कांग्रेस के अनुसार बिजली की दरों में 50 प्रतिशत की कटौती करना असंभव है।

आप ने सरकार में आने के 15 दिन के अंदर जन लोकपाल विधेयक पारित कराने का भी वायदा किया है। पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री से लेकर विधायक तक और दिल्ली सरकार के सभी अधिकारी और कर्मचारी जन लोकपाल विधेयक के दायरे में आएंगे। आप ने सत्ता के विकेंद्रीकरण का भी वायदा करते हुए मुहल्ला सभा बनाने की बात की है। यह सभा अपने क्षेत्रों में कराए गए जाने विकास कार्यों का फैसला करेगी। पार्टी ने कहा है कि वह 500 नए स्कूल खोलेगी लेकिन भूमि दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल किस प्रकार अपने वायदों को पूरा करते हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 23, 2013, 23:38

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