संगम पर संक्राति स्नान के साथ माघ मेले का आगाज

संगम पर संक्राति स्नान के साथ माघ मेले का आगाज

संगम पर संक्राति स्नान के साथ माघ मेले का आगाजइलाहाबाद : तीर्थराज प्रयाग में मंगलवार को संगम पर मकर संक्रांति पर्व के स्नान के साथ संगम की रेती पर लगने वाला माघ मेला शुरू हो गया। प्रसिद्ध माघ मेला एक महीने से भी ज्यादा समय तक संगम तट पर लगता है। यद्यपि मकर संक्रांति मंगलवार शाम को शुरू हो रहा है, लेकिन श्रद्घालुओं का हुजूम संगम व गंगा के विभिन्न स्नान घाटों पर भोर से ही जुटने लगा है।

माघ मेले की शुरुआत के साथ ही लाखों श्रद्घालु तीर्थराज प्रयाग में संगम की रेती पर जुटते हैं और पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक एक महीने का कल्पवास (व्रत एवं स्नान) करते हैं। कुछ श्रद्घालु मकर संक्रांति के दिन से ही कल्पवास शुरू कर देते हैं, लेकिन इस वर्ष ऐसा ज्योतिषीय संयोग है जिसकी वजह से मकर संक्रांति व पौष पूर्णिमा बिना अंतराल के पड़ रही है। ऐसे में लगभग सभी कल्पवासी मकर संक्रांति को ही संगम पर पहुंच रहे हैं।

लाखों कल्पवासी संगम की रेती पर बने तंबुओं वाले अस्थाई कस्बे में अब तक पहुंच चुके हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति से पौष पूर्णिमा के बीच स्नान के लिए लगातार तीन दिन का दुर्लभ संयोग मिलेगा। घने कोहरे व कड़ाके की सर्दी पड़ने के बावजूद मेला क्षेत्र में सोमवार देर रात तक कल्पवासियों व स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

प्रशासन ने मकर संक्रांति स्नान पर्व पर 40 लाख से अधिक श्रद्घालुओं के संगम तट पर पहुंचने का अनुमान जताया है। धर्माचार्यों के अनुसार मंगलवार शाम 7़ 08 बजे से मकर संक्रांति शुरू हो रही है। यहीं से सूर्य उत्तरायण होंगे और स्नानपर्व शुरू हो जाएगा। मकर संक्रांति (14 व 15 जनवरी) के अलावा प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा (16 जनवरी), मौनी अमावस्या (30 जनवरी), बसंत पंचमी (चार फरवरी), माघी पूर्णिमा (14 फरवरी), महाशिवरात्रि (27 फरवरी) को लाखों श्रद्घालुओं के संगम पहुंचने की संभावना है। जिला प्रशासन ने इस पवित्र मेले के लिए सारी तैयारियां पूरी किए जाने का दावा किया है। जिलाधिकारी राजशेखर के अनुसार मेले में आ रहे तीर्थयात्रियों व कल्पवासियों के स्वागत के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सुविधाओं से लैस है।

उन्होंने बताया कि निर्विघ्न स्नान हेतु गंगा के तटों पर बारह स्नान घाटों का निर्माण करा दिया गया है। संगम स्नान घाट को 2,000 फीट के क्षेत्र में बनाया गया है। श्रद्घालुओं की भीड़ को देखते हुए मेले के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर इसका क्षेत्र बढ़ा कर 3,200 फीट कर दिया जाएगा। सभी स्नान घाटों पर महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए 20 चेजिंग रूम बनवाए गए हैं। स्नानार्थियों के लिए 1,200 नावों की व्यवस्था की गई है। नाव का किराया मैदानी घाट से 32 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित है। यदि कोई व्यक्ति स्वयं अथवा अपने परिवार के लिए नाव ले जाता है तो उसे उसके लिए नाव की पूरी क्षमता के बराबर किराये का 75 प्रतिशत भुगतान करना होगा। जिलाधिकारी ने बताया कि आने जाने के मार्गो को दुरुस्त कर दिया गया है। स्नानार्थियों के रुकने के लिए रैन बसेरे बनाए गए हैं। किसी अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए मेला क्षेत्र में आरएएफ , पीएसी, कोबरा कमांडो, बम डिस्पोजल स्क्वोएड, एटीएस व जल पुलिस आदि के साथ भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में शान्ति व सुरक्षा के लिए 11 थाने, 31 पुलिस चौकियां, 12 फायर स्टेशन, एक पुलिस लाइन तथा एक नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था कर सीसीटीवी कैमरा केन्द्र स्थापित किया गया है। मेला क्षेत्र में खोया पाया केद्रों की भी स्थापना की गई है, जिन पर भूले-भटकों के लिए कपड़े, कंबल व उनके सामान चोरी होने पर उनको गंतव्य तक पहुंचाने हेतु किराये की व्यवस्था की गई है। स्नान घाटों पर यदि किसी स्नानार्थी का सामान खो जाता है तो उनके पहनने के कपड़े, कंबल, खाने की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन व एनजीओ के माध्यम से कराई जाएगी। मेला क्षेत्र की व्यवस्था को पांच सेक्टरों में विभाजित कर पांच सेक्टर कार्यालयों की स्थापना की गयी है, जिनमें एक नायब तहसीलदार तथा पर्यवेक्षक जो नायब तहसीलदार-लेखपाल के समकक्ष हैं, को नियुक्त कर मेला व्यवस्था कार्य सुनिश्चित कराया गया है।

मेला क्षेत्र में निवास करने वाले साधु-संतों, तीर्थयात्रियों, कल्पवासियों की पेयजल व्यवस्था हेतु जल निगम द्वारा 130 किमी मुख्य पाइप लाइन एवं 120 किमी जल संयोजन हेतु पाइप लाइन की व्यवस्था कर 16 नलकूपों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं की सम्पूर्ति हेतु 26 दुकानों की स्थापना कर राशन कार्ड के माध्यम से सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। दुग्ध आपूर्ति हेतु दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (पराग) द्वारा मेला क्षेत्र में 30 बूथों की स्थापना कर स्वच्छ दूध एवं दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 14, 2014, 12:16

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