Last Updated: Tuesday, October 8, 2013, 23:36
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी के पितृत्व वाद में सबूत तक पहुंचने के अधिकार की सुनवाई बंद कर दी। अदालत के निर्देश के बावजूद तिवारी स्थानीय आयुक्त के समक्ष जिरह के लिए हाजिर नहीं हो सके।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में रोजाना आधार पर गवाही दर्ज करने के लिए पूर्व अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएम चोपड़ा को स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया था। स्थानीय आयुक्त ने न्यायमूर्ति विपिन संघी के निर्देश को उल्लेखित करते हुए सोमवार को कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तिवारी की गवाही बंद की जाती है।
आयुक्त ने कहा कि जिरह के लिए तिवारी हाजिर नहीं हो सके। तिवारी के वकील ने कहा कि वे स्वस्थ नहीं हैं और लखनऊ में हैं। वे दिल्ली आने की हालत में नहीं हैं। रोहित शेखर (32) ने अदालत में मुकदमा दायर कर तिवारी को अपना असली पिता घोषित करने की मांग की है। इसी मामले में तिवारी को स्थानीय आयुक्त के समक्ष जिरह के लिए हाजिर होना था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 8, 2013, 23:36