Last Updated: Saturday, January 11, 2014, 18:05

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों का पहला जनता दरबार शनिवार सुबह अस्त-व्यस्तता के साथ शुरू हुआ। हजारों लोगों की भीड़ उमड़ जाने से भगदड़ की संभावना के बीच मुख्यमंत्री को वहां से निकलना पड़ा। मुख्यमंत्री ने हालांकि आगे इसका आयोजन और बेहतर तरीके से करने का वादा किया।
दिल्ली सचिवालय परिसर के खुले स्थान में सुबह से ही लगभग 5,000 लोग जमा हो गए। वे मुख्यमंत्री और मंत्रियों से अपनी मांग और शिकायत साझा करने को लेकर उतावले थे।
भीड़ इतनी ज्यादा थी कि दिल्ली पुलिस के सुझाव पर केजरीवाल को लगभग 45 मिनट बाद ही अपने कमरे में आना पड़ा।
केजरीवाल ने बाद में खराब व्यवस्था के लिए माफी मांगी और कहा कि कुछ शिकायतकर्ता उनके डेस्क और आसपास पड़ी कुर्सियों पर खड़े हो गए थे, जिस वजह से उन्हें वहां से हटना पड़ा।
कुछ लोग नाकेबंदी को भेदते हुए अंदर चले आए।
उन्होंने कहा, "अगर मैं वहां से नहीं हटता, वहां भगदड़ की संभावना थी। हर कोई मुझसे मिलना चाहता था।" केजरीवाल ने इस बात को स्वीकारा कि उन्हें इतनी भीड़ उमड़ने की उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम व्यवस्था को ठीक करेंगे ताकि ऐसे हालात दोबारा पैदा न हों। हम व्यवस्था में सुधार करेंगे। मैं अधिकारियों के साथ बैठकर आवश्यक इंतजाम करूंगा।"
बाद में एकमंजिली इमारत की छत से जनता को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, "हम अगले चार-पांच दिनों में दूसरा जनता दरबार आयोजित करेंगे। इसका आयोजन बेहतर प्रबंधन के साथ किया जाएगा।" उन्होंने वहां आए लोगों से वापस चले जाने की अपील की। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 11, 2014, 18:05