अब बच्चे खुद कर सकेंगे बैंक खातों का संचालन

अब बच्चे खुद कर सकेंगे बैंक खातों का संचालन

गोंडा : अब 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे भी स्वतंत्र रूप से अपने बचत खाते का संचालन कर सकेंगे। इसके अलावा वे एटीएम व चेकबुक जैसी अन्य सुविधाओं का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय समावेशी को बढ़ावा देने तथा इस तरह के खातों को खोलने में एकरूपता लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग भी अपने बैंक खातों का खुद संचालन कर सकेंगे। अभी तक नाबालिग के अभिभावक ही मियादी या बचत बैंक खाता खोल सकते थे। बच्चों के साथ अभिभावक के रूप में माता-पिता का नाम रखना होता था।

इलाहाबाद बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक डीपी सिंह ने बताया कि पूर्व में जारी दिशा-निदेशरें में रिजर्व बैंक ने हाल ही में संशोधन कर दिया है। संशोधन आदेश में आरबीआई ने कहा है कि सभी नाबालिग अब बचत, मियादी या आवर्ती जमा खाता अपने प्राकृतिक अभिभावक या कानूनी तौर पर नियुक्त अभिभावक के जरिए खोल सकेंगे। ऐसे नाबालिग जो 10 साल के हो चुके हैं, उन्हें स्वतंत्र रूप से बचत खाता खोलने और उसका संचालन करने की अनुमति होगी।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक जोखिम प्रबंधन प्रणाली के मद्देनजर यह तय कर सकते हैं कि नाबालिग खाताधारक कितनी राशि निकाल सकते हैं। इसके अलावा बैंकों को नाबालिग द्वारा बैंक खाता खोलने के लिए दस्तावेजों की न्यूनतम सीमा तय करने की भी अनुमति होगी। रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंकों को नाबालिगों को अतिरिक्त बैंकिंग सुविधाएं, मसलन- इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम-डेबिट कार्ड, चेक बुक सुविधा उपलब्ध कराने की भी आजादी होगी। बैंक यह सावधानी बरतेंगे कि नाबालिग के खातों से बहुत अधिक राशि न निकाली जा सके। नए नियम के अनुसार, बालिग होने के बाद नाबालिग को अपने खाते में बैंलेंस की पुष्टि करनी होगी। रिजर्व बैंक ने कहा है कि यदि खाते का संचालन प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक द्वारा किया जा रहा है, तो सभी नाबालिग के हस्ताक्षर के नमूने लेने होंगे और उन्हें रिकार्ड में रखना होगा।

डीपी सिंह ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उपभोक्ता संरक्षण पहल के तहत बैंकों से उन ग्राहकों पर जुर्माना नहीं लगाने को कहा है जो अपने निष्क्रिय खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखते हैं। रिजर्व बैंक ने अधिसूचना में कहा कि बैंकों को यह सलाह दी जाती है कि वे किसी निष्क्रिय खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना न लगाएं। भारतीय स्टेट बैंक समेत कई बैंक निष्क्रिय खातों में न्यूनतम राशि नहीं होने पर कोई शुल्क नहीं लगाते हैं। परिचालन वाले बैंक खातों के मामले में आईसीआईसीआई बैंक तथा एचडीएफसी बैंक शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम औसत तिमाही राशि 10,000 रुपये तथा अर्धशहरी इलाकों में 5,000 रुपये नहीं रखने पर 750 रुपये प्रति तिमाही शुल्क वसूलते हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, May 12, 2014, 09:54

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