Last Updated: Friday, May 30, 2014, 13:44
पटना : लोकसभा चुनाव के हार-जीत के नतीजों पर समीक्षा के बाद अब बिहार के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की नजर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। सभी दल अभी से विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुट गए हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नीतीश कुमार जनता दल (यूनाइटेड) को एक बार फिर से धारदार बनाने में जुट गए हैं। वह रोजाना विधायकों और विधान पार्षदों से चुनाव में हार के कारणों की जानकारी ले रहे हैं।
जद (यू) के एक नेता के अनुसार, दो जून को पटना में पार्टी की एक बैठक होने वाली है, जिसमें पार्टी के पदाधिकारी उपस्थित होंगे। बैठक के बाद पार्टी के संगठन में भारी फेरबदल की संभावना है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में जद (यू) ने बिहार में 38 प्रत्याशी खड़े किए थे, लेकिन मात्र दो प्रत्याशी ही चुनाव जीत सके।
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) `मोदी लहर` का विधानसभा चुनाव में भी लाभ उठाने के मूड में है। यही कारण है कि भाजपा द्वारा लगातार बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने पार्टी कार्यकर्ताओं से विस चुनाव में जुट जाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में दो से पांच जून तक सभी जिला मुख्यालयों में तथा छह से 10 जून तक प्रखंड मुख्यालयों में कार्यकर्ताओं की बैठकें होंगी। 13 से 21 जून तक संसदीय क्षेत्रों में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम रखा गया है। 28 और 29 जून को पटना में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होगी।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर पांच जून को पटना में संगठन के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें अगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। कांग्रेस ने भी चार जून को पटना में बैठक बुलाई है। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 30, 2014, 13:44