1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच करेगी एसआईटी : दिल्ली सरकार

1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच करेगी एसआईटी : दिल्ली सरकार

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने आज फैसला किया कि 1984 के सिख-विरोधी दंगों की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से करायी जाएगी। दिल्ली सरकार ने यह फैसला तब किया है जब दो दिन पहले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि हिंसा में संभवत: पार्टी के कुछ लोग शामिल थे और उन्हें सजा मिली है।

दंगों की जांच के लिए एसआईटी के गठन के राजनीतिक रूप से संवेदनशील फैसले से आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के रिश्तों में खटास आ सकती है। कांग्रेस दिल्ली की ‘आप’ सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। गौरतलब है कि 31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में करीब 3000 सिख मारे गए थे। सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों ने ‘आप’ सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।

लोक निर्माण मंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं को बताया, ‘1984 के दंगों की जांच के लिए सरकार एसआईटी बनाने जा रही है। जांच के तौर-तरीके पर शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी। उप-राज्यपाल नजीब जंग ने सैद्धांतिक तौर पर एसआईटी गठित करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी है।’

इससे पहले, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। यह पूछे जाने पर कि चूंकि दंगे 30 साल पहले हुए तो क्या ऐसे में एसआईटी की प्रभावशीलता होगी, इस पर सिसोदिया ने कहा, ‘ईमानदार कोशिशों से निश्चित तौर पर नतीजे निकलेंगे।’ दो दिन पहले एक टीवी इंटरव्यू में राहुल गांधी ने स्वीकार किया था, ‘1984 के सिख विरोधी दंगों में संभवत: कांग्रेस के कुछ लोग शामिल रहे थे और उन्हें इसकी सजा मिली है।’

राहुल गांधी ने जोर देकर कहा था कि 1984 में कांग्रेस सरकार ‘दंगों को मदद नहीं दे रही थी और न ही उकसा रही थी’ बल्कि उसने हिंसा रोकने की कोशिश की। कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार सिख विरोधी दंगों के मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं।

सिसोदिया ने दावा किया कि सिख विरोधी दंगों की प्रभावी जांच ‘आप’ के एजेंडे का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पीड़ितों के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए जंतर-मंतर पर एक दिन का अनशन किया था। हाल ही में ‘आप’ में शामिल हुए वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का ने कहा, ‘एसआईटी गठित करने के सरकार के फैसले ने दंगा पीड़ितों को उम्मीद की किरण दिखायी है कि उनके साथ इंसाफ किया जाएगा।’ फुल्का सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों के वकील रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी की तर्ज पर ही सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए एसआईटी बनायी जानी चाहिए।

‘आप’ नेता ने कहा, ‘अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारियों को एसआईटी की अगुवाई करनी चाहिए जबकि दिल्ली पुलिस को सिर्फ उनकी सहायता करनी चाहिए।’ अब तक दिल्ली पुलिस और सीबीआई ने इन दंगों के मामले में जांच की है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 29, 2014, 21:55

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