गुजरात में अब ‘नमो’ के टैटू और घाघरों की धूम । Splash of 'Namo' tattoos and skirts in Gujarat

गुजरात में अब ‘नमो’ के टैटू और घाघरों की धूम

गुजरात में अब ‘नमो’ के टैटू और घाघरों की धूमअहमदाबाद : ‘नमो’ के स्टीकर वाली टीशर्ट, कुर्ते और साड़ियों के बाद अब गुजरात में चल रहे गरबा महोत्सव में नरेंद्र मोदी के टैटू की धूम मची है। अहमदाबाद में गरबा आयोजनों में पुरूषों के हाथों में मोदी वाले अस्थायी टैटू नजर आ रहे हैं। वहीं महिलाओं को खुली पीठ वाली (बैकलेस) चोली और बल्ब वाले लहंगों में देखा जा सकता है।

अपनी पीठ पर मोदी टैटू बनवाने वाली शालिनी सक्सेना ने बताया कि गरबा का मतलब है कि नौ दिवसीय उत्सव के दौरान कुछ नया हो। इस बार लड़कियों की पसंद बैकलेस चोली तो है ही, वह अपनी पीठ पर टैटू भी बनवा रही हैं। टैटू के वैसे तो कई डिजाइन हैं लेकिन गरबा के दौरान नरेंद्र मोदी टैटू का नया चलन नजर आ रहा है।

वर्ष 2007 में मोदी के मुखौटे लोगों ने खूब पसंद किए थे। इस चलन को भुनाते हुए भाजपा ने पटना में गुजरात के मुख्यमंत्री की रैली से पहले सूरत से ‘नमो’ के स्टीकर वाले कुर्ते और साड़ियों का ऑर्डर दे दिया।

इस बार गरबा आयोजनों में बल्ब वाले लहंगे खास आकर्षण बने हुए हैं। मेगा स्टार अमिताभ बच्चन ने सबसे पहले ‘याराना’ फिल्म के गाने ‘सारा जमाना’ में बल्ब वाली ड्रेस पहनी थी। शायद इसी से प्रेरित हो कर इस बार बल्ब वाले लहंगे बाजार में हैं और इन्हें खरीदने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। इन लहंगों की किनारी पर और बीच बीच में नियोन बल्ब लगे हैं। डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि निचले हिस्से में बल्ब की सघनता अधिक है।

बैटरियां लहंगों के चौड़े भाग के अंदर छिपी हैं और रिमोट कंट्रोल से लाइट जलाई जाती है। गरबा में ऐसा ही एक लहंगा पहनने वाली नूपुर पटेल ने बताया कि यह चलन इसी साल उभरा है। गरबा जीवंतता और समृद्धि का प्रतीक है और बल्ब वाली ड्रेस यही बताती है। मैंने अपनी बेटी और अपने लिए ऐसे ही लहंगे 9,000 रुपये में खरीदे हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 9, 2013, 14:30

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