CAG ऑडिट के खिलाफ टाटा पावर HC की बड़ी पीठ पहुंची

CAG ऑडिट के खिलाफ टाटा पावर HC की बड़ी पीठ पहुंची

नई दिल्ली : दिल्ली में बिजली वितरण में लगी निजी क्षेत्र की तीन ‘डिस्कॉम’ में से एक टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. ने एकल जज की पीठ के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की बड़ी पीठ में अपील की है। एकल न्यायाधीश की पीठ ने कंपनी के खातों का ऑडिट नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से कराने के सरकार के फैसले पर स्थगन आदेश जारी करने से इनकार कर दिया था। एकल न्यायाधीश की पीठ ने गत 24 जनवरी को रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर लि., बीएसईएस यमुना पावर लि. और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. को कैग से आडिट के सरकार के आदेश पर अंतरिम राहत नहीं दी थी।

टाटा की कंपनी की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने इस आदेश के खिलाफ अंतर अदालत अपील का उल्लेख न्यायमूर्ति बी.डी. अहमद व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ के समक्ष करते हुए इसको जल्द सूचीबद्ध करने व सुनवाई करने की अपील की। वकील ने कहा, इसका रिकार्ड काफी बड़ा है और रजिस्ट्री द्वारा याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने मे कम से कम दो दिन का समय लगेगा। इस मामले की तत्काल सुनवाई की जरूरत है। पीठ ने उनसे कहा कि आप इसे रजिस्ट्री में दाखिल कराएं।

इससे पहले एकल न्यायाधीश की पीठ ने न केवल डिस्कॉम के कैग के आडिट पर स्थगन से इनकार किया था, बल्कि इन कंपनियों से शीर्ष आडिटर से सहयोग करने और जो भी ब्योरा मांगा जाए उपलब्ध कराने को भी कहा था। अदालत ने कहा था, ‘अदालत का विचार है कि इन मामलों पर जल्द विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। हालांकि, ऑडिट के आदेश पर स्थगन नहीं दिया जा रहा है। कैग सरकार को मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 मार्च तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपेगा।’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 4, 2014, 22:44

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