Last Updated: Monday, October 7, 2013, 21:41
ज़ी मीडिया ब्यूरो हैदराबाद/विजयनगरम : आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ राज्य के तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में धरना और विरोध प्रदर्शन का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा जबकि विजयनगरम में कर्फ्यू बरकरार रहा। उधर, बिजली कर्मियों की हड़ताल से बड़ा इलाका अंधेरे में डूब गया। वहीं, आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ लड़ाई को देश की राजधानी में ले जाते हुए तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने नई दिल्ली में आज यहां अनिश्चिकालीन हड़ताल पर बैठ गए।
नए तेलंगाना राज्य के सृजन के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के 3 अक्टूबर के फैसले पर बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद विजयनगरम में शनिवार से कर्फ्यू है। वहां सुरक्षा बलों ने अशांत क्षेत्रों में गश्त की। पुलिस महानिरीक्षक (विशाखापत्तनम रेंज) पी. उमापति ने बताया कि पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 34 लोगों को गिरफ्तार किया है। अभी कुछ और गिरफ्तारियां होने की आशंका है।
उमापति ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। कर्फ्यू जारी है। हम स्थिति की फिर से समीक्षा करेंगे और उसके बाद उचित कदम उठाएंगे। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखना तथा सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि नगर में सामान्य स्थिति बहाल होने तक कर्फ्यू जारी रहेगा।
उधर, आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ लड़ाई को देश की राजधानी में ले जाते हुए तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने नई दिल्ली में आज यहां अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू की और कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति करने का आरोप लगाया। हालांकि उन्होंने तेलंगाना पर संतुलित रख रखा।
कांग्रेस और केंद्र सरकार पर राज्य के विभाजन का फैसला मनमाने तरीके से लेने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सीमांध्र क्षेत्र में अव्यवस्था बनी हुई है और लोगों का राजनीतिक व्यवस्था पर से विश्वास उठने लगा है। नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वे (कांग्रेस पार्टी) आंध्र प्रदेश के मुद्दे से पार्टी के आंतरिक मामले की तरह निपट रहे हैं। वे राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, ना कि शासन या राज्य या जनता से। वे सबकुछ राजनीति के लिहाज से बोल रहे हैं। हालात दिन ब दिन बदतर होते जा रहे हैं।
सीमांध्र में दूसरे दिन भी बिजली ठप्प, कई ट्रेनें रद्दआंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में राज्य के बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सोमवार को दूसरे दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी। हड़ताल के कारण रायलसीमा एवं तटवर्ती आंध्र क्षेत्रों के अधिकांश हिस्सों में बिजली आपूर्ति दूसरे दिन भी ठप्प रही और कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।
सीमांध्र के सभी 13 जिलों में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण विद्युत उत्पादन एवं वितरण पूरी तरह ठप्प रहा और क्षेत्र के दर्जनों कस्बे तथा सैकड़ों गांव दूसरे दिन भी अंधेरे में डूबे रहे। किसी तरह की आपात व्यवस्था न होने के कारण अस्पतालों में मरीजों को बेहद कठिनाई से गुजरना पड़ रहा है, जबकि कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई।
सीमांध्र बिजली कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी), आंध्र प्रदेश पारेषण निगम के अधिकारियों और आंध्र प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों के बीच वार्ता असफल रही। कर्मचारियों ने तब तक हड़ताल समाप्त करने से इनकार कर दिया जब तक कि केंद्र सरकार यह आश्वासन न दे दे कि राज्य का विभाजन नहीं होगा। सोमवार को राज्य के पूर्वी विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (ईपीडीसीएल) के कर्मचारियों के भी हड़ताल में शामिल हो जाने के कारण स्थिति और विकट हो गई। श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम, पूर्वी गोदावरी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में भी बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई।
बिजली के अभाव में भुवनेश्वर और विशाखापट्टनम के बीच तथा अन्य रेलमार्गो पर रेल की आवाजाही ठप्प हो गई। ओडिशा से लगे श्रीकाकुलम जिले में विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर सैकड़ों यात्री फंसे रहे। अधिकारियों ने बताया कि चूंकि सिर्फ एक ट्रैक का ही उपयोग किया जा रहा है, इसलिए ट्रेनें चार घंटे विलंब से चल रही हैं। रेल विभाग को दूसरे दिन भी विजयवाड़ा, गुडुरू एवं अन्य इलाकों की कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।
First Published: Monday, October 7, 2013, 20:32