Last Updated: Thursday, December 12, 2013, 13:29

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने गुरुवार को आतंकवाद की घटनाओं के आरोपियों के मुकदमे वापस लेने के मामले में एक अहम फैसला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार केन्द्रीय कानूनों से सम्बन्धित मुकदमों की वापसी केन्द्र की अनुमति के बगैर नहीं कर सकती।
तीन न्यायाधीशों की बड़ी पीठ ने इसके साथ ही मामले के चार सवालों का जवाब देते हुए प्रकरण को दो न्यायाधीशों की खण्डपीठ के समक्ष तत्काल पेश करने के निर्देश दिये हैं। न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह, न्यायमूर्ति अजय लाम्बा और न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह की वृहद् पीठ ने यह फैसला रंजना अग्निहोत्री समेत छह स्थानीय अधिवक्ताओं की लम्बित जनहित याचिका पर दिया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 12, 2013, 13:29