किसी सूरत में जनलोकपाल बिल नहीं आने देंगे: मोहम्‍मद आसिफ

किसी सूरत में जनलोकपाल बिल नहीं आने देंगे: मोहम्‍मद आसिफ

किसी सूरत में जनलोकपाल बिल नहीं आने देंगे: मोहम्‍मद आसिफ ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : जनलोकपाल विधेयक को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है। कांग्रेस विधायक मोहम्‍मद आसिफ ने सोमवार को कहा कि वे किसी भी सूरत में जनलोकपाल बिल को नहीं आने देंगे।

उन्‍होंने आप सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस्‍तीफा देना हो तो दें, मगर वे (केजरीवाल) कांग्रेस को धमकी न दें। मोहम्‍मद आसिफ ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार 16 फरवरी तक अपना बोरिया बिस्‍तर समेट ले।

उधर, केजरीवाल ने कहा है कि उपराज्‍यपाल नजीब जंग की नामंजूरी के बाद भी जनलोकपाल बिल को पेश करेंगे। उन्‍होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर जनलोकपाल बिल को लाएंगे।

वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने आज केंद्रीय कानून मंत्रालय से इस बारे में संवैधानिक स्थिति स्पष्ट करने को कहा कि क्या दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पेश करने से पहले राज्य सरकार के लिए केंद्र की अनुमति लेनी जरूरी है। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस मामले में किसी विवाद से बचने और पूर्ण स्पष्टता प्राप्त करने के लिए जंग ने ‘अंतिम राय’ के लिए इस मुद्दे को कानून मंत्रालय को भेज दिया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि विधेयक विधानसभा में पेश करने से पहले केंद्र से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है जबकि भाजपा और कांग्रेस का कहना है कि कामकाज के नियम, 2002 के तहत इसके लिए मंजूरी जरूरी है। उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि समान राय कि विधेयक को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के जरिये केंद्र को भेजना जरूरी है, मुख्यमंत्री का मानना है कि इसके विपरीत राज्य हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर कानूनी राय प्राप्त की है।

उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि भ्रष्टाचार से संघर्ष बहुत जरूरी है और इसलिए उपराज्यपाल का विचार भी मुख्यमंत्री के समान ही है कि सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार रोकने की जरूरत है। सवाल भारत के संविधान के तहत अधिदेश प्रक्रियाओं का पालन करने की जरूरत को लेकर है।

First Published: Monday, February 10, 2014, 17:26

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