Last Updated: Monday, November 18, 2013, 18:49
काबुल : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल करीब 12,000 अफगान तालिबान लड़ाके मारे गए, घायल हुए या पकड़े गए हैं।
तालिबान के साथ लड़ाई के 13 साल बाद अमेरिका नीत नाटो बल अगले साल के अंत तक अफगानिस्तान से 75,000 सैनिकों को हटाने वाला है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी धीरे धीरे अत्याधुनिक देशी बम बनाने में सक्षम हो रहे हैं। इन बमों से अफगान सुरक्षा बलों में 80 प्रतिशत कर्मी हताहत हुए हैं।
अफगानिस्तान का खनन उद्योग एक खास चिंता का विषय है जिसमें बड़ी मात्रा में शक्तिशाली विस्फोटकों और उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अफगान अधिकारियों को अवश्य ही नियामक उपायों को मजबूत करना चाहिए ताकि इन विस्फोटकों को आतंकवादियों के हाथों में जाने से रोका जा सके।
2014 के बाद देश में अमेरिकी सैनिकों के भविष्य के बारे में फैसला करने के लिए अफगान कबीले के सरदार ‘लोया जिगरा’ (कबीले की महासभा) में बृहस्पतिवार को बैठक करने वाले हैं।
गौरतलब है कि इराक और अमेरिका के बीच इसी तरह का एक समझौता नाकाम हो गया जिसके चलते अमेरिकी बलों को वहां से पूरी तरह से हटा लिया गया और इसी चीज के अफगानिस्तान में दोहराव होने की आशंका है। यदि स्थानीय बल तालिबान का मुकाबला करने में नाकाम रहते हैं तो इससे अव्यवस्था और हिंसा की स्थिति बन सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति हामिद करजई की सरकार हिंसा की अत्यधिक बढ़ी हुई स्थिति का सामना कर रही है जो 2010 से नहीं देखी गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बावजूद भी तालिबान को न तो कोई बड़ा फायदा हुआ है न ही समर्थन मिला है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 18, 2013, 17:43