Last Updated: Wednesday, October 23, 2013, 12:50

वाशिंगटन : अमेरिका के एक प्रसिद्ध आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ का कहना है कि हाल के वर्षों में शीर्ष नेतृत्व के मारे जाने के कारण क्षमताओं में हुई गिरावट के बाद अमेरिका के खिलाफ कोई बड़ा हमला करने में अक्षम अलकायदा पाकिस्तान के भीतर उग्रवाद और भारत स्थित लक्ष्यों को निशाने बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है।
लश्कर-ए-तोएबा से जुड़े मामलों के प्रसिद्ध अमेरिकी विशेषज्ञ एवं अमेरिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक स्टीफेन टैंकेल ने एक ऑनलाइन प्रकाशन में प्रकाशित एक लेख में लिखा है कि पाकिस्तान में मौजूद अलकायदा से हम यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय हमले की योजना बनाना पूरी तरह से छोड़ देगा।
‘कार्नेजी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ के दक्षिण एशिया कार्यक्रम में अप्रवासी विद्वान टैंकेल के कहा कि शीर्ष स्तर के नेताओं को खोने और तेजी से घटती क्षमताओं के बावजूद यह पाकिस्तान में उग्रवाद और भारत में विदेशी ठिकानों पर हमले की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर, दक्षिण एशिया में आतंकवाद विरोधी अमेरिकी अभियान पर इसका जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। वैश्विक स्तर पर, इसका अर्थ है कि एक्यूएपी (अरब प्रायद्वीप में अलकायदा) न सिर्फ अलकायदा का सबसे घातक अंग है, बल्कि नेतृत्व और समन्वय के मामले में इसके प्रमुख केंद्र के तौर पर भी उभर रहा है।’’ टैंकेल ने कहा कि पाकिस्तान में वर्ष 2008 के बाद से जारी ड्रोन हमलों में अलकायदा के 30 से अधिक नेता एवं उच्च स्तरीय आतंकवादी मारे गए हैं, जिसके बाद अब सिर्फ चंद वरिष्ठ अरबी ही जिंदा बचे हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 23, 2013, 12:50