Last Updated: Friday, February 14, 2014, 10:00
लंदन : पिछले 250 सालों से सर्वाधिक सर्दी से परेशान ब्रिटेन के लोगों की मुश्किल बढ़ाने के लिए एक अन्य अटलांटिक तूफान देश की ओर बढ़ रहा है। इस तूफान से एक माह से हो रही बारिश के जारी रहने का खतरा पैदा हो गया है।
देश के मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिणपूर्वी इंग्लैंड में तूफान आने के बाद देश भर में तेज हवाएं, बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पर्यावरण एजेंसी ने डेली टेलीग्राफ को बताया कि भारी बारिश से और एक हजार मकान नष्ट हो सकते हैं। अगले छह घंटों में बारिश का 40 मिमी तक पानी भर जाने का पूर्वानुमान जताया गया है।
एजेंसी ने इंग्लैंड के दक्षिणी तट पर 128 किलोमीटर प्रति घंटा की हवाओं के साथ ऊंची लहरें उठने की चेतावनी दी है। इस तूफान से दो ही दिन पहले चक्रवाती तूफान ने देशभर को झकझोर दिया। इस प्राकृतिक आपदा में एक व्यक्ति मारा गया और हजारों लोगों को बिजली के बिना रहना पड़ा।
ऐसी आशंका है कि इस सप्ताहांत पर उफनती टेम्स नदी पिछले 60 सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच सकती है जिससे पश्चिमी लंदन के शहरों में बाढ़ से पहले ही प्रभावित शहरों में स्थिति बिगड़ सकती है। यहां सेना राहत कार्यों में जुटी है।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि ब्रुसेल्स के साथ लंदन के संबंधों पर दोबारा समझौता करने और जनमत संग्रह करवाने के अपने वादे के बावजूद बाढ़ से निपटने के लिए वह यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मांगेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम यूरोपीय संघ से मदद की अपेक्षा रख रहे हैं। ब्रिटेन के किसानों को कुछ धन उपलब्ध करवाया जा रहा है, जो कि यूरोपीय संघ के बजट से अलग है।’
कैमरन ने कहा कि वे बाढ़ बचाव करने और पंपिंग से पानी निकालने आदि के लिए डच विशेषज्ञों समेत यूरोपीय संघ के बाकी देशों से ‘विशेषज्ञता’ की मदद भी मांग रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद की गति धीमी होने के कारण कैमरन की सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा है। उप प्रधानमंत्री निक क्लेग ने बाद में बाढ़ प्रभावितों को सलाह देने के लिए 4,16,000 डॉलर के कोष की घोषणा की थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 14, 2014, 10:00