Last Updated: Tuesday, June 10, 2014, 20:48
वाशिंगटन : अमेरिकी की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के अनुसार अमेरिका ने एबोटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मारने के अपने खुफिया अभियान के बारे में पाकिस्तान को नहीं बताया था क्योंकि उसे पता था कि खुफिया एजेंसी आईएसआई के तत्वों के अलकायदा और तालिबान के साथ करीबी रिश्ते बने हुए थे।
अपने संस्मरण ‘हार्ड च्वाइसेज’ में हिलेरी ने लिखा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और तत्कालीन रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स समेत शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की थी जिसमें पाकिस्तान द्वारा मौके का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हमले के लिए करने से जुड़ी आशंका शामिल थी। लेकिन आखिर में पाकिस्तान को इसके बारे में नहीं बताने का फैसला किया गया।
हिलेरी की यह किताब आज से बुक स्टोर में मिलनी शुरू हो गई है। 66 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री ने लिखा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के नाममात्र के सहयोगी पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध पहले ही तनावपूर्ण थे। अगर पाकिस्तानी सेना जिसे हमेशा भारत के एकाएक हमले का भय सताता रहता है, उसे अपनी हवाई क्षेत्र में किसी गुप्त घुसपैठ का पता चलता तो हो सकता था कि वह बल का इस्तेमाल कर जवाब देते। उन्होंने कहा कि हमने इस हालात से बचने और अभियान के बाद रिश्तों के पूरी तरह टूटने की आशंका को देखते हुए पाकिस्तान को जानकारी देने पर चर्चा की। आखिर कार अफगानिस्तान में हमारे जवानों को दोबारा आपूर्ति के लिए और सीमा क्षेत्र में दूसरे आतंकवादियों को ढूंढ़ने के लिए पाकिस्तान की मदद हमारे लिए आगे जरूरी होती जैसा कि गेट्स हमेशा हमसे कहते आए थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 10, 2014, 20:48