Last Updated: Sunday, March 9, 2014, 19:57

कुआलालम्पुर/बीजिंग : मलेशियाई एयरलाइंस के लापता विमान का पता लगाने के लिए बहुराष्ट्रीय अभियान के दूसरे दिन (रविवार) भी रहस्य बना हुआ है। जांच अधिकारियों को किसी अनहोनी का डर सता रहा है और वे आतंकवाद के पहलू को भी खारिज नहीं कर रहे हैं।
विमान में पांच भारतीय और भारतीय मूल के एक कनाडाई नागरिक समेत 227 यात्री और चालक दल के 12 सदस्य सवार हैं। शुक्रवार को कुआलालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के एक घंटे बाद लापता हुए विमान का पता लगाने के लिए छह देशों के विमानों और पोतों ने खोजबीन अभियान आज फिर से शुरू कर दिया।
मलेशियाई नौवहन विभाग के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि उन्होंने बोइंग 777-200 फ्लाइट एम एच 370 की तलाश के काम में जुटे छह देशों के बचाव दलों को सहयोग करने के लिए अपने तीन जेट विमानों को रवाना कर दिया है।
उन्होंने बताया कि लापता विमान का पता लगाने के लिए खोजबीन प्रयास रात भर जारी रहे। लेकिन इस अभियान में मामूली प्रगति ही हुई क्योंकि उन्हें समुद्र में विमान का मलबा या कुछ ऐसा अन्य तैरता हुआ नहीं मिला। मलेशिया एयरलाइन ने एक बयान में बताया, ‘खोजी और राहत टीमें अभी तक लापता विमान का अता-पता नहीं लगा पाई हैं जो कुआलालम्पुर से बीजिंग की उड़ान पर था।’
बयान में बताया गया कि एयरलाइन सहायता मुहैया कराने में लगातार प्रशासन की मदद कर रही है। बुरे से बुरे की आशंका के बीच अमेरिका के अटलांटा से एक विशेष आपदा प्रबंधन टीम संकट की इस घड़ी में मलेशियाई एयरलाइन की मदद करेगी।
बयान में बताया गया है कि जैसे ही लापता विमान की स्थिति का पता लगा लिया जाएगा, वियतनाम के हो ची मिन्ह या केलांतन राज्य के कोता बारू में एक कमान सेंटर की स्थापना की जाएगी। सिंगापुर ने विमान का पता लगाने के अभियान में मदद के लिए दो युद्धपोत और एक नौसेना हेलीकाप्टर तथा चीन ने दो बचाव पोत रवाना किए हैं। अमेरिका ने भी विशेषज्ञों की एक टीम रवाना की है जिसमें राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड, एफबीआई और बोइंग के अधिकारी शामिल हैं।
अमेरिकी नौसेना ने एक खोजबीन अभियान में मदद के लिए एक गाइडिड मिसाइल विध्वंसक को वियतनाम के दक्षिण तट के लिए रवाना कर दिया है। इस बीच, विमान के अचानक लापता होने की घटना में एक नया मोड़ आ गया है। प्रशासन ने कहा कि खुफिया एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं कि कैसे चार व्यक्ति फर्जी पहचान के साथ विमान में सवार हो गए। इस मामले में अन्य देशों की आतंकवाद विरोधी एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम साफ था, विमान उड़ रहा था और पायलट को आपात संकेत भेजने तक का समय नहीं मिला। ये एक आधुनिक विमान के दुर्घटना का शिकार होने की अस्वाभाविक परिस्थितियां हैं। उधर, मलेशिया के रक्षा मंत्री और कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने कहा कि प्रशासन विमान में सवार होने वाले चार संदिग्ध पहचान वाले लोगों के मामलों की जांच कर रहा है।
एक इतालवी और एक आस्ट्रियाई के लापता पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विमान में सवार होने वाले दो लोगों के बारे में उन्होंने कहा कि प्रशासन विमान के यात्रियों की पूरी सूची की जांच करेगा। उन्होंने अन्य दो यात्रियों की नागरिकता का जिक्र नहीं किया लेकिन कहा कि खुफिया एजेंसियां इस मुद्दे पर एफबीआई समेत अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के साथ संपर्क में हैं।
इतालवी लुइगी मराल्दी और आस्ट्रियाई क्रिस्टियन कोजेल के नाम एमएच 370 या़त्रयों की सूची में थे। दोनों ने बताया कि उनके पासपोर्ट गुम हो गए थे और वे सुरक्षित हैं। विमान में सवार यात्रियों में 154 चीनी, 38 मलेशियाई, 7 इंडोनेशियाई, छह आस्ट्रेलियाई, पांच भारतीय और दो कनाडाई शामिल हैं।
मलेशिया में पुलिस महानिरीक्षक खालिद अबू बकर ने कहा कि पुलिस विमान के लापता होने के पीछे आतंकवाद का हाथ मान कर नहीं चल रही है लेकिन किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस लापता विमान की सभी पहलुओं से जांच करेगी और कुआलालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीसीटीवी फुटेज मांगेगी।
इस बीच, लापता विमान से 30 मिनट पहले उड़ान भरने वाले एक बोइंग 777 के पायलट ने कहा है कि उसने वियतनामी हवाई यातायात नियंत्रण द्वारा कहे जाने के कुछ ही मिनट के भीतर एमएच 370 विमान से संपर्क बनाया था। कैप्टन ने कहा कि उनका विमान जापान के नरिता के लिए जा रहा था और वियतनामी हवाई क्षेत्र से गुजर रहा था। उसी समय उनसे अपने विमान की आपात फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल कर एम एच 370 से संपर्क करने को कहा गया क्योंकि प्रशासन विमान से संपर्क नहीं कर पा रहा था।
उन्होंने बताया, ‘हम शनिवार को सुबह डेढ़ बजे के तुरंत बाद एमएच 370 से संपर्क बनाने में कामयाब रहे और उनसे पूछा कि क्या वे वियतनामी हवाई क्षेत्र में हैं। कैप्टन ने न्यू संडे टाइम्स को बताया, ‘दूसरी तरफ की आवाज या तो कैप्टन जहारी (अहमद शाह 53) या फारिक (अब्दुल हमीद 27) की थी....लेकिन मुझे पक्का है कि यह सह पायलट था। वहां काफी अवरोध था... लेकिन मुझे दूसरी ओर से कुछ बुदबुदाने की आवाज सुनाई दी। यह उनकी तरफ से सुनाई दी अंतिम आवाज थी। क्योंकि उसके बाद संपर्क टूट गया।’
उन्होंने कहा कि उस समय उसी फ्रिक्वेंसी पर रहे अन्य विमानों ने भी यह आवाज सुनी होगी। इनमें नीचे समुद्र में रहे पोत भी शामिल होंगे। हिशामुद्दीन के संवाददाता सम्मेलन में मौजूद रहे मलेशियाई एयरलाइन के एक अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि किसी लापता होने से पहले अन्य पायलट ने एमएच 370 से संपर्क किया था।
मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने घोषणा की है कि लापता विमान की खोज के दायरे को बढ़ाया जाएगा जो दक्षिणी चीन सागर में पूर्वी कोता बारू में 120 समुद्री मील तक है। चीन की आपात प्रतिक्रिया टीमें आज तड़के दक्षिणी चीन में हेनान प्रांत के सान्या बंदरगाह से उस समुद्री इलाके की ओर रवाना हो गईं जहां दुर्घटनाग्रस्त विमान समुद्र में गिरा था।
इस बीच, इस मामले में अभी तक एक छोटी सी सफलता जो मिली है वह वियतनामी तट से दूर समुद्र में फैली दो तेल पट्टियां हैं। दोनों पट्टियां 10 से 15 किलोमीटर लंबी हैं। ये चिकनी पट्टियां अपने में वह पदार्थ समेटे होती हैं जो एक दुर्घटनाग्रस्त विमान से निकले ईंधन में होता है।
आपात टीम के नेता जेंग यिंग ने कहा, ‘बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण है क्योंकि घटनास्थल की सही स्थिति नहीं पता और बचाव पोत को वहां तक पहुंचने के लिए दो दिन का समय लगेगा।’ विमान में सवार यात्रियों के करीब 120 रिश्तेदारों को हवाई अड्डे के समीप बीजिंग में एक होटल में ठहराया गया है। इनमें सामवेद कोलेकर भी शामिल हैं जिनके माता पिता और भाई विमान में सवार थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 9, 2014, 19:57