भारत, इटली निकालें मरीन मुद्दे का समाधान: UN

भारत, इटली निकालें मरीन मुद्दे का समाधान: UN

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत द्वारा अभियोजित किए जा रहे इटली के दो मरीनों के मुद्दे से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है और उन्हें इसका उचित एवं परस्पर स्वीकार्य समाधान निकालना चाहिए। विश्व निकाय प्रमुख बान की मून के प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने संवाददाताओं से कहा, ‘महासचिव इस बात से चिंतित हैं कि इटली और भारत के बीच लंबे समय से चला आ रहा मामला अनसुलझा है और संगठन के दो मित्रवत तथा महत्वपूर्ण सदस्य देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है।’ नेसिर्की की टिप्पणी तब आई है जब यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन एश्टन ने कल यहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद कहा कि यूरोपीय संघ को मरीनों-मैसिमिलियानो लैटोर और सल्वाटोर गिरोन को भारतीय अदालत में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अभियोजित किए जाने को लेकर गहरी चिंता है।

फरवरी 2012 में केरल के अपतटीय क्षेत्र में मरीन लैटोर और गिरोन द्वारा गोली चलाए जाने से दो भारतीय मछुआरों की मौत हो गई थी। इससे भारत और इटली के बीच राजनयिक तनाव उत्पन्न हो गया था। मरीन अब इतालवी दूतावास में रह रहे हैं और मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। नेसिर्की ने कहा कि बान महसूस करते हैं कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत और इटली मुद्दे पर एक उचित एवं पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचें। उन्होंने कहा, वह (महासचिव) इस बात को लेकर चिंतित हैं कि मामले से समुद्री डकैती रोधी अभियानों सहित अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के मामलों के इर्द गिर्द व्यापक साझा प्रयासों और सहयोग के लिए जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।

हालांकि, मरीनों को सजा ए मौत नहीं दी जा सकती, लेकिन भारत का कहना है कि मरीनों पर अब भी समुद्री डकैती रोधी कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है जिसमें उन्हें 10 साल तक की कैद हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव से विश्व निकाय के मुख्यालय में मुलाकात करने वाली एश्टन ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत के संपर्क में है और इतालवी सहकर्मियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, हम स्थिति को लेकर अत्यंत चिंतित हैं जहां मरीनों को अदालत ले जाया जा सकता है और आतंकवाद निरोधक कानून के तहत अभियोजित किया जा सकता है। नेसिर्की ने कहा कि महासचिव ने बुधवार को इतालवी विदेश मंत्री एम्मा बोनिनो से फोन पर बात की, लेकिन उन्होंने इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या महासचिव ने मुद्दे पर भारत सरकार के किसी प्रतिनिधि से बात की है या क्या उनकी ऐसी कोई योजना है, नेसिर्की ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया। (एजेंसी)

First Published: Saturday, February 15, 2014, 17:01

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