Last Updated: Sunday, April 6, 2014, 20:03
पर्थ : दक्षिण हिंद महासागर में इलेक्ट्रोनिक पल्स के कई उत्साहजनक सुराग मिलने के बाद आज बहुराष्ट्रीय खोज दल आज उस ओर अत्याधुनिक उपकरणों से लैस जहाज लेकर गए ताकि यह पता किया जा सके कि कहीं ये सिग्नल दुर्घटनाग्रस्त मलेशियाई विमान के ब्लैक बॉक्स के तो नहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि हिंद महासागर में लापता विमान को ढूढने निकले चीनी गश्ती जहाज हैक्सन 01 को शुक्रवार और कल दो सिग्नलों का पता चला था जो एक दूसरे से महज दो किलोमीटर दूर थे।
सेवानिवृत एयर चीफ मार्शल एंगुश ह्यूस्टन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि यह सत्यापित करने के लिए ये सिग्नल लापता विमान के फ्लाइट रिकार्डर के हैं या नहीं, नौसेना के दो जहाज आस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट से दूर समुद्र में उस स्थान पर भेजे जा रहे हैं जहां इन सिग्नलों का पता चला है। इन जहाजों पर अत्याधुनिक गहरे सागर ब्लैक बॉक्स डिटेक्टर हैं। खोज अभियान की अगुवाई करने वाले ज्वायंट एजेंसी कोर्डिनेशन सेंटर (जेएसीसी) के प्रमुख ह्यूस्टन ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण एवं उत्साहवर्धक सुराग है।
ह्यूस्टन ने कहा कि इलेक्ट्रोनिक पल्स किसी विमान के फ्लाइट डेटा और व्वायस रिकार्डर के पिंगर से निकलने वाल ध्वनि तरंगें जैसी ही थी लेकिन इसका सत्यापन नहीं हो पाया है कि यह उड़ान एमएच 370 की ही हैं। खोज दल बहुत तेजी से अपने काम में जुटे हैं क्योंकि ब्लैक बॉक्स फ्लाइट रिकार्डर की बैटरियां करीब 30 दिन तक ही क्रियाशील रहती हैं, जिसका मतलब है कि वे अगले दो दिन में बंद हो जाएंगी।
ब्लैक बॉक्स से इस बात का ऑडियो रिकॉर्ड मिल पाएगा कि आठ मार्च को मलेशियाई विमान के दक्षिण हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले क्या हुआ था। ह्यूस्टन ने बताया कि ध्वनियां पानी के भीतर लंबी दूरी तय करती हैं। यदि डिटेक्टर पिंगर के समीप हों तो वह कुछ ज्यादा समय तक सिग्नल पकड़ेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि खोज अधिकारियों को भी बताया गया है कि आस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाज ओसियन शील्ड को महासागर के दूसरे क्षेत्र में ध्वनि सुनाई दी है। इस पर अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं। उन्होंने कहा कि ये घटनाक्रम तबतक असत्यापित समझे जाएंगे जबतक हम स्पष्ट रूप से सत्यापित न कर सकें। उन्होंने कहा, हम बहुत बड़े सागर और एक विशाल क्षेत्र में काम कर रहे हैं तथा जब से विमान लापता हुआ है, तब से अबतक हमें बहुत थोड़े सुराग मिले है लेकिन उसी आधार पर हम अपना खोज क्षेत्र सीमित करते जा रहे हैं।
ह्यूस्टन ने बताया कि ब्रिटिश नौसेना के जहाज एचएमएस इको भी उस क्षेत्र की ओर जा रहा है जहां चीनी जहाजों को सिग्नल का पता चला था। उसपर अत्याधुनिक डिटेक्शन गियर लगे हैं। उसके आज रात तक पहुंचने की संभावना है। आस्ट्रेलियाई विमान भी उस ओर गए हैं। ह्यूस्टन ने बताया कि ओसियन शील्ड ने जो ध्वनियां सुनी हैं उस दिशा में वह खोज जारी रखेगी। यदि वहां कुछ हाथ नहीं लगता वह दूसरे खोज क्षेत्र की ओर जाएगा।
उड़ान 370 की बहुराष्ट्रीय खोज में ये सिग्नल नवीनतम सुराग हैं। जांचकर्ता अबतक यह कह नहीं पाए कि विमान अपने रास्ते से दूर जाकर क्यों गिरा या दरअसल अंत में हुआ क्या। कल ही एक चीनी वायुसेना विमान को खोज क्षेत्र में कुछ तैरती हुई चीजें नजर आयी थी। विमान ने उनकी तस्वीरें ली थी। जेएसीसी के अनुसार दस सैन्य विमान, दो नागरिक जेट और 13 जहाज उड़ान एमएच 370 के किसी भी निशान को ढूढने में जुटे हैं। खोज क्षेत्र करीब 216,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है।
उल्लेखनीय है कि आठ मार्च को क्वालांलम्पुर से बीजिंग के लिए रवाना हुई उड़ान एमएच 370 लापता हो गया था। उस पर 239 लोग सवार थे जिनमें पांच भारतीय, भारतीय मूल के एक कनाडाई तथा 154 चीनी नागरिक थे। लापता विमान का रहस्य विमान और सुरक्षा प्राधिकरणों के लिए बना हुआ है जो उच्च प्राद्योगिकी वाले रेडार एवं अन्य उपकरणों की मदद लेने के बाद भी उसका पता नहीं लगा पाए हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 6, 2014, 17:09