Last Updated: Thursday, May 29, 2014, 17:31
काठमांडू : देश के सातवें गणतंत्र दिवस के मौके पर नेपाल सरकार ने आज विभिन्न जेलों में सजा काट रहे 155 कैदियों को रिहा कर दिया। राष्ट्रपति राम बरन यादव ने आज सरकार की सिफारिश पर 155 कैदियों की बची हुई सजा माफ कर दी।
नेपाल की पहली संवैधानिक सभा ने 28 मई 2008 को अपनी पहली बैठक में मतदान के जरिए 140 साल पुराने राजतंत्र को समाप्त करके एक पुराने संवैधानिक राजतंत्र को गणतंत्र राष्ट्र के रूप में बदल दिया था। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में राष्ट्रपति यादव ने राजनैतिक दलों से अपील की कि वे अपने वायदे के अनुरूप एक साल के भीतर नए संविधान का मसौदा तैयार करने का काम पूरा करें। उन्होंने कहा, ‘राजनैतिक दलों के पास वादे में कही गई समय सीमा के भीतर नए संविधान का मसौदा तैयार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि जनता पिछले छह-सात साल से बस वादों के लिए इंतजार नहीं कर रही है।’
उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी हो गया है कि हम सब आत्मनिरीक्षण करें कि आखिर क्यों हम लोग ऐतिहासिक राजनैतिक आंदोलनों का नेतृत्व तो करते हैं लेकिन इन्हीं आंदोलनों की उपलब्धियों को संस्थागत रूप देने में विफल रहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘संविधान में राज्य पुनर्गठन, शासन व्यवस्था, मतदान की व्यवस्था और समावेश जैसे मुद्दे आ जाने चाहिएं और ये मुद्दे हमारे अपने अनुभव और हमारे अपने देश के इतिहास से जुड़े होने चाहिएं।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 29, 2014, 17:31