Last Updated: Saturday, January 18, 2014, 12:54

ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ ने फोन पर बातचीत संबंधी आंकड़ों के संग्रहण में सुधार करने के, राष्ट्रपति बराक ओबामा के वादे को एक सही कदम बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति से यह अपील भी की कि वे इस प्रतिबद्धता को कानूनी रूप दें। ओबामा ने कल अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की फोन पर बातचीत की निगरानी संबंधी पहुंच सीमित कर दी लेकिन यह तर्क दिया कि अमेरिका को आतंकवादियों से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर आंकड़ों का संग्रहण करते रहना चाहिए। निगरानी कार्यकमों के बारे में एडवर्ड स्नोडेन द्वारा किए गए खुलासे पर मचे कोहराम को शांत करने के लिए अपने संबोधन में ओबामा ने कहा कि मित्र देशों के नेताओं की खुफिया टैपिंग रोकी जाएगी जबकि आंकड़ों के अमेरिकी संग्रहण के दायरे में आए विदेशियों को नई सुरक्षा दी जाएगी।
यूरोपीय संघ के न्यायाधीश आयुक्त (जस्टिस कमिश्नर) विवियाने रेडिंग ने कल कहा, ‘मैं यह देखकर उत्साहित हूं कि गैर-अमेरिकी नागरिकों को खुफिया सुरक्षा उपायों से लाभ मिलेगा।’ उन्होंने कहा ‘मैं राष्ट्रपति ओबामा से सहमत हूं। भविष्य में और ज्यादा काम करने की जरूरत होगी। मैं चाहूंगा कि इन वादों का विधायी कार्यवाही से पालन किया जाए।’अमेरिका द्वारा ब्रिटेन की जीसीएचक्यू सेवा के सहयोग से ऑनलाइन और फोन पर बातचीत संबंधी आंकड़ों की व्यापक स्तर पर निगरानी किए जाने के बारे में जब स्नोडेन ने खुलासा किया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोष फैल गया था। खास तौर पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल इस बात से बेहद नाराज हुईं कि एनएसए ने लंबे समय तक उनके मोबाइल फोन पर होने वाली बातचीत की निगरानी की है।
जासूसी पर रोक लगाने के ओबामा के वादे का जर्मनी ने किया स्वागतबर्लिन : जर्मनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अमेरिकी खुफिया एजेंसी द्वारा की जाने वाली जासूसी पर रोक लगाने के वादे का स्वागत करते हुए कहा कि जर्मनी की धरती पर देश के कानून का सम्मान किया जाना चाहिए।
जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टीफेन सइबर्ट ने कल कहा, ‘जर्मनी में बहुत सारे लोग अपनी निजी सूचनाओं की सुरक्षा के बारे में एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) की गतिविधियों से जुड़ी जानकारियों को लेकर चिंतित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में जर्मन सरकार सैद्धांतिक रूप से इस बात का स्वागत करती है कि गैर अमेरिकियों समेत लोगों के आंकड़ों की सुरक्षा एवं अधिकारों की भविष्य में बेहतर सुरक्षा होगी।’ सइबर्ट ने कहा कि सरकार यही चाहती है कि जर्मन धरती पर विशेषकर हमारे सबसे करीबी सहयोगी एवं मित्र हमारे कानून का सम्मान करें।
प्रवक्ता ने साथ ही कहा कि मित्र देशों की खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग जनहित में है और जर्मन सरकार अब अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान का गहराई से विश्लेषण करेगी। गौरतलब है कि ओबामा ने कल वादा किया था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी अमेरिका के सबसे करीबी मित्र देशों के नेताओं की नियमित जासूसी नहीं करेगी। जर्मनी एनएसए द्वारा चासंलर एंजेला मर्केल के मोबाइल फोन पर होने वाली बातचीत समेत बड़े पैमाने पर की गयी जासूसी के खुलासे के बाद से खासा नाराज है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 18, 2014, 12:50