Last Updated: Monday, November 11, 2013, 19:25
इस्लामाबाद : अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए तहरीके तालिबान पाकिस्तान प्रमुख हकीमुल्ला महसूद को शहीद बताने को लेकर पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना की आलोचना के बावजूद अति दक्षिणपंथी जमाते इस्लामी ने आज यह कहते हुए सेना पर निशाना साधा कि उसे राजनीति में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।
जमाते इस्लामी के महासचिव लियाकत बलूच ने कहा कि सेना की मीडिया इकाई आईएसपीआर ने एक राजनीतिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जो सेना के लिए अनुचित है। जमात प्रमुख मुनवर हसन द्वारा पाकिस्तान तालिबान प्रमुख हकीमुल्ला महसूद को शहीद बताने वाले बयान से नाराज आईएसपीआर ने कल मांग की थी कि उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
सेना ने हसन से यह भी कहा कि वह आतंकवाद निरोधी अभियानों में शहीद सैनिकों का अपमान करने के लिए भी माफी मांगें। इससे पहले दिन में हसन ने कहा कि वह महसूद को शहीद बताने वाले अपने बयान पर कायम हैं। जमात की सलाहकार परिषद या मजलिसे शूरा की बैठक हुई, जिसमें आगामी स्थानीय निकाय चुनावों, अमेरिकी ड्रोन हमलों और हसन की टिप्पणी को लेकर उत्पन्न विवाद पर चर्चा हुई।
बैठक के दौरान बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को स्थायी शांति के लिए ड्रोन युद्ध से बाहर निकलना होगा। उन्होंने कहा, वर्तमान समय में चर्चा में जो विषय है वह है नोटो की आपूर्ति और ड्रोन हमले बंद करना। जमाते इस्लामी ने पाकिस्तानी सेना के शहीदों को हमेशा ही श्रद्धांजलि दी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 11, 2013, 19:25