Last Updated: Wednesday, February 26, 2014, 19:37
सिंगापुर : पिछले 40 सालों में सिंगापुर के ‘लिटिल इंडिया’ में हुए सबसे भीषण दंगों की जांचके लिए गठित एक समिति सिफारिश की है कि सड़क पर हिंसक प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस को ‘लाठी’ का इस्तेमाल करना चाहिए। स्ट्रेट्स टाईम्स की खबर के अनुसार, दिसंबर के दंगों की जांच के लिए सरकार द्वारा नियुक्त जांच समिति के अध्यक्ष ने सिफरिश दी कि सड़क पर ऐसे विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए पुलिस को अपने पास एक ‘लाठी’ रखनी चाहिए।
सिंगापुर के दैनिक अखबार ने जांच समिति के अध्यक्ष जी पन्नीर सेलवम के हवाले से कहा, हालांकि आपके पास बंदूक है, इसका इस्तेमाल न करें और लाठी ज्यादा उपयोगी साबित हो सकती है। सेलवम कल एक सार्वजनिक सुनवाई में बता रहे थे कि पिछले साल 8 दिसंबर की रात हुए दंगों से पुलिस शुरूआत में किस तरह निपटी। सेलवम ने पुलिस सह-अधीक्षक जोनाथन टैंग को बताया, जब आप दंगों वाली जगह जाएं तो आपके पास सिर्फ रक्षा उपकरण नहीं होना चाहिए। टैग उन्हें बता रहे थे कि लिटिल इंडिया में घटना स्थल पर पहुंचने वाले सबसे पहले पुलिस अधिकारी दंगों से कैसे निपटे। सुनवाई के दौरान साक्ष्य पेश करते हुए एएसपी टैंग ने कहा कि सुरक्षा कारणों और पास खड़े लोगों को ध्यान में रखते हुए दंगाइयों पर गोली नहीं चलाई गई।
टैंग ने कहा कि गोले छोड़ने से भीड़ को यह याद आ जाता कि पुलिस के पास हथियार हैं और तब दंगाई पुलिस अधिकारियों पर हमला करके हथियार छीन सकते थे। उन्होंने कहा कि लेकिन पुलिस के हथियारों में टी-बैटन थे। इन्हें एक रक्षात्मक उपकरण की तरह डिजाइन किया जाता है और पास से किए जाने वाले हमलों में ये प्रभावी साबित होते हैं।तब सेलवम ने टैंग से पूछा कि क्या वे ‘लाठी’ के बारे में जानते हैं? टैंग को अपनी बात समझाने के लिए इस सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने अधिकारी को भारतीय अखबार की एक प्रति दी, जिसमें भारतीय पुलिस संसद के बाहर होने वाले हालिया विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए ‘लाठी’ का इस्तेमाल करती दिखाई दे रही है।
खबर के अनुसार, जांच समिति द्वारा पिछले बुधवार से जनसुनवाई शुरू किए जाने के बाद से तीन बार सेलवम दंगाई भीड़ को दबाने के लिए ‘लाठी’ के इस्तेमाल की बात उठाई है। पिछले शुक्रवार उन्होंने पुलिस उपायुक्त टी राजा कुमार से सिफारिश की थी कि सिंगापुर पुलिस बल को अपने पास ये उपकरण (लाठी) रखनी चाहिए।
जांच समिति ने सुनवाई के दौरान पाया कि दंगाई भीड़ में लोग पुलिसकर्मियों की तुलना में कहीं अधिक थे और घटनास्थल पर अधिकारियों ने लिटिल इंडिया में हिंसा बनाए रखने की कोशिश की। लिटिल इंडिया भारतीय मूल के उद्योगों, रेस्तरांओं और पबों आदि का मुख्य इलाका है। टैंग ने कहा कि 200 लोगों की भीड़ जल्दी ही 400 तक पहुंच गई। इनमें से 150 से 200 लोग चिल्ला रहे थे और दूसरों को भड़का रहे थे। दंगाईयों ने 49 पुलिसकर्मियों और सुरक्षा अधिकारियों को घायल कर दिया था और 23 अपात कारों समेत 6.5 लाख सिंगापुर डॉलर से ज्यादा की संपत्ति को नष्ट कर दिया। पांच अपात कारों को आग के हवाले कर दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 26, 2014, 19:37