यूएन महासचिव ने समलैंगिकों के लिए समानता पर दिया जोर

यूएन महासचिव ने समलैंगिकों के लिए समानता पर दिया जोर

यूएन महासचिव ने समलैंगिकों के लिए समानता पर दिया जोर संयुक्त राष्ट्र : समलैंगिक यौन संबंधों को आपराधिक जुर्म करार देने से संबंधित भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने सभी प्रकार के समलैंगिकों (लेस्बियन, गे और उभयलिंगियों) के खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध करते हुए उनके साथ समान व्यवहार करने की जरूरत पर जोर दिया।

बान के प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की से जब उच्चतम न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि महासचिव ने एक बार फिर से कहा है कि सभी मनुष्य स्वतंत्र हैं और समान गरिमा एवं अधिकार के हकदार हैं। उन्होंने समलैंगिकों के खिलाफ भेदभाव के विरद्ध एक बार फिर से आवाज उठाई है और सभी के लिए समान एवं स्वतंत्र विश्व के निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता की जरूरत पर जोर दिया है।

बान ने मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में दस दिसंबर को दिए अपने संदेश में कहा कि विश्व निकाय समलैंगिकों (एलजीबीटी) पर होने वाले हमले की निंदा करता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि हम उनकी गिरफ्तारियों, हिरासत और भेदभाव की निंदा करते हैं। और हमें सभी के लिए समान एवं स्वतंत्र विश्व के निर्माण में खुद को फिर से प्रतिबद्ध करना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Friday, December 13, 2013, 00:19

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