`एक दशक से मर्केल के फोन टैप कर रहा था अमेरिका`

`एक दशक से मर्केल के फोन टैप कर रहा था अमेरिका`

बर्लिन : अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) पिछले एक दशक से जर्मनी की चासंलर एंजेला मर्केल के मोबाइल फोन टैप कर रही थी। साथ ही माना जा रहा है कि एनएसए ने बर्लिन में समीपवर्ती अमेरिकी दूतावास से जर्मनी के पूरे सरकारी परिसर की जासूसी की।

एनएसए के पूर्व कांट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक किए गए गोपनीय दस्तावेजों से पता चला कि मर्केल का फोन नंबर एनएसए की निगरानी सूची में था।

जर्मनी की एक साप्ताहिक समाचार पत्रिका डेर स्पिगल ने अपने नवीनतम अंक में कहा है कि इन दस्तावेजों से पता चलता है कि एनएसए ने 2002 में व्हाइट हाउस में जॉर्ज बुश के कार्यकाल के समय से मर्केल के फोन टैप करने शुरू कर दिए थे।

इस साल जून में राष्ट्रपति बराक ओबामा की बर्लिन यात्रा से कुछ हफ्ते पहले भी एनएसए मर्केल की जासूसी में लगी हुई थी।

दस्तावेजों के अनुसार अमेरिकी जासूसी एजेंसी की यूरोपियन डेस्क एस2सी32 यूरोपियन स्टेट ब्रांच ने मर्केल को निगरानी के निशाने के तौर पर रखा था। इस आदेश के क्रियान्वयन लिए अमेरिका की स्पेशल कलेक्शन सर्विसेज (एससीएस) नाम की शाखा जिम्मेदार थी।

दस्तावेजों से पता चलता है कि एससीएस ने चांसलेरी से 600 मीटर की दूरी और जर्मन संसद की इमारत के पास स्थित अमेरिकी दूतावास में एक खुफिया जासूसी केंद्र बनाया हुआ था।

पत्रिका ने एनएसए के आतंरिक दस्तावेजों के हवाले से कहा कि बर्लिन में अमेरिकी दूतावास के अलावा अमेरिकी सरकार ने फ्रैंकफर्ट में एक दूसरा जासूसी केंद्र बनाया हुआ था। डेर स्पिगल के अनुसार सीआईए और एनएसए के इस तरह के दूसरे संयुक्त परिचालन केंद्र दुनिया भर में 80 जगहों पर हैं। इनकी स्थापना 1970 के दशक के अंत में की गयी थी। इनमें से 19 केंद्र पेरिस, रोम, मैड्रिड, जिनीवा और प्राग जैसे यूरोपीय शहरों में हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 27, 2013, 10:47

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